नई दिल्ली: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (DGCA) के तहत किए जाने वाले दावों को समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने PMFBY के तहत किए जाने वाले दावों का समय से निपटारा करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय देश में गेंहू और चावल का अधिक उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए निगरानी करेगा. 


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100 ड्रोन होंगे इस्तेमाल
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कई किसान अपनी फसल में हुई समस्या को लेकर मुआवजे का दावा करते हैं. इन दावों की जांच के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं. किसानों के दावे की जांच में काफी समय लग जाता है, जिस कारण किसानों को मुआवजे की रकम मिलने में भी काफी समय लग जाता है. 



किसानों की समस्या को कम करने के लिए अब केंद्र सरकार 100 ड्रोन नियुक्त कर रही है. इन ड्रोन के माध्यम से सरकार अब गेंहू और चावल का उत्पादन करने वाले क्षेत्रों पर नजर रखेगी. 


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यूएवी डेटा का होगा इस्तेमाल
PMFBY के तहत किए जाने वाले दावों की सत्यता की जांच अब ड्रोन द्वारा इकट्ठा किए गए यूएवी (Unmanned Aerial Vehicle) डेटा के आधार पर की जाएगी. इस डेटा के माध्यम से यह पता करने का प्रयास किया जाएगा कि दावा करने वाले किसान के खेत में कोई घटना हुई है अथवा नहीं. 



यह डेटा यह भी बताएगा कि गेंहू और चावल उत्पादन वाले इलाकों में कोई प्राकृतिक आपदा हुई है अथवा नहीं. इस डेटा के आधार पर ही कृषि भूमि को लेकर होने वाले विवाद के मामलों को भी निपटाने का प्रयास किया जाएगा. 


अन्य योजनाओं में भी इस्तेमाल होगा डेटा
केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (DGCA) के ड्रोन अभियान के तहत प्राप्त हुए यूएवी डेटा को अन्य सरकारी योजनाओं में सुधार के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. कृषि क्षेत्र से जुड़ी अन्य योजनाओं के लिए भी यह डेटा सहायक साबित होगा. 


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