Children`s Day speech 2022: चिल्ड्रेन्स डे पर स्कूल में बोलने के लिए ऐसे तैयार करें शानदार भाषण, जरूर जीतेंगे पुरस्कार
जवाहर लाल नेहरू को बच्चों के प्रति बेहद स्नेह था. बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे. बच्चों के लिए बेशुमार प्यार व लगाव के चलते जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन 14 नवंबर हर वर्ष बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है. चाचा नेहरू हमेशा कहते थे कि देश के स्वर्णिम विकास में बच्चे की अहम भागीदारी है. बच्चे ही देश का भविष्य हैं.
नई दिल्ली: देश में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस (Children’s Day) के तौर पर मनाया जाता है. हर साल बाल दिवस देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है.
बच्चों से था खास लगाव
दरअसल जवाहर लाल नेहरू को बच्चों के प्रति बेहद स्नेह था. बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे. बच्चों के लिए बेशुमार प्यार व लगाव के चलते जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन 14 नवंबर हर वर्ष बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है. चाचा नेहरू हमेशा कहते थे कि देश के स्वर्णिम विकास में बच्चे की अहम भागीदारी है. बच्चे ही देश का भविष्य हैं.
बाल दिवस के दिन स्कूलों में निबंध, भाषण, डांस, खेल, डिबेट और स्पीच जैसी कई प्रतियोगिताएं होती हैं. अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को इनाम दिया जाता है ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिल सके. यहां हम आपको बाल दिवस पर आप कैसी स्पीच दें कि सभी आपसे प्रभावित हो जाएं इस बारे में बता रहे हैं.
बाल दिवस पर स्पीच
आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकों और मेरे सहपाठियों
14 नवंबर और चाचा नेहरू जी की जयंती पर आज हम सब यहां बाल दिवस मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं. इस अवसर पर मैं सबसे पहले आपको बाल दिवस की शुभकामनाएं देता हूं. दोस्तों, 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है. जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे. बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू के नाम से बुलाते थे. जिस वजह से हर साल हम चिल्ड्रेन्स डे को मना कर उनको सम्मान उनके सम्मान में हर साल 14 नवंबर यानी उनकी जयंती को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
पंडित नेहरु अक्सर कहा कहते थे 'आज के बच्चे ही कल के भारत का निर्माण करेंगे. बच्चे ही इस देश का भविष्य है. इसलिए ये जरूरी है कि उनकी शिक्षा और कल्याण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए. हम जितनी बेहतर तरह से बच्चों की देखभाल करेंगे राष्ट्र निर्माण भी उतना ही अच्छे से होगा.
बाल दिवस समारोह का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है. बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति होने के साथ ही भविष्य और कल की उम्मीद हैं, इसलिए उन्हें उचित देखरेख और प्यार मिलना चाहिए.
भारत के आजाद होने के बाद बच्चों के विकास, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं. लेकिन आज भी बहुत से बच्चों को उनका अधिकार नहीं मिल पाता है. बाल दिवस का अर्थ पूर्ण रुप से तब तक सार्थक नहीं हो सकता, जब तक हमारे देश में हर बच्चे को उसके मौलिक बाल अधिकारों की प्राप्ति ना हो जाए. बाल शोषण और बाल मजदूरी का पूरी तरह से रुकनी चाहिए. आर्थिक कारणों से कोई बच्चा शिक्षा पाने से वंचित नहीं रहना चाहिए. बाल कल्याण के लिए चल रही सभी योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचना चाहिए. बाल दिवस के अवसर पर हम सब को मिलकर बाल अधिकारों के प्रति जागरुकता फैलानी चाहिए.
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