300 रुपये से शुरू किया बिजनेस आज 7000 करोड़ की कंपनी बनी, इस महिला का ये Idea काम कर गया
Rajni Bector: कराची में पैदा हुईं फिर विभाजन के दौरान लुधियाना चली आईं. मात्र 17 वर्ष की उम्र में एक स्थानीय व्यवसायी परिवार में विवाह और अपने बच्चों के बोर्डिंग स्कूल में होने के कारण, रजनी ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में बेकरी कोर्स में दाखिला लिया.
Rajni Bector: बात रजनी बेक्टर (Rajni Bector) की, जो कराची में पैदा हुईं फिर विभाजन के दौरान लुधियाना चली आईं. मात्र 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने एक स्थानीय व्यवसायी परिवार में विवाह कर लिया. अपने बच्चों के बोर्डिंग स्कूल में होने के कारण, रजनी ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में बेकरी कोर्स में दाखिला लिया.
उनकी बेकिंग और आइसक्रीम की रेसिपी जल्द ही दोस्तों के बीच लोकप्रिय हो गई, जिसने उन्हें एक छोटा सा व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित किया. 300 रुपये के शुरुआती निवेश के साथ, उन्होंने एक ओवन खरीदा और घर के पिछले हिस्से में आइसक्रीम बनाना शुरू कर दिया.
हालांकि, बिजनेस को जल्द ही वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. रजनी के पति, धर्मवीर ने 1978 में आइसक्रीम निर्माण इकाई शुरू करने में उनकी मदद करने के लिए 20,000 रुपये दिए.
ब्रांड Cremica
उन्होंने अपने ब्रांड का नाम क्रीमिका रखा, जो हिंदी शब्द 'क्रीम का' (क्रीम से बना) से बना है. आइसक्रीम से शुरुआत करके रजनी ने कारोबार का विस्तार किया. 1980 के दशक की चुनौतियों के बावजूद, रजनी ने अपने परिवार के सहयोग से सफलता हासिल की और क्रीमिका को सफल बनाया.
रिपोर्ट के अनुसार, क्रेमिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा बिस्किट निर्यातक है, जिसके उत्पाद 60 से ज्यादा देशों में उपलब्ध हैं. यह ब्रांड उत्तर भारत में होने वाली ज्यादातर शादियों में पश्चिमी मिठाइयों के रूप में पसंदीदा टेस्ट है. क्रेमिका का सालाना कारोबार 7,000 करोड़ रुपये का है. उनकी यात्रा लाखों महत्वाकांक्षी भारतीय महिला उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
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