Gold loan interest rate: भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत सोने के बदले कर्ज (Gold Loan) को दोगुना कर चार लाख रुपये कर दिया है. यह लिमिट उन शहरी सहकारी बैंकों के लिए बढ़ाई गई है, जिन्होंने प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज के तहत सभी लक्ष्यों को 31 मार्च 2023 तक पूरा किया है.


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बुलेट पुनर्भुगतान योजना उधारकर्ताओं को लोन अवधि समाप्त होने पर लोन पर मूलधन और ब्याज दोनों राशि एकमुश्त चुकाने की सुविधा देती है. यानी एक साथ ही ब्याज और पूरे पैसे आप दे सकते हैं.


RBI ने पहली बार 2007 में 1 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन के बुलेट पुनर्भुगतान की अनुमति दी थी. 2014 में, पुनर्भुगतान अवधि को 12 महीने तक सीमित करते हुए सीमा को दोगुना कर 2 लाख रुपये कर दिया गया था. अब जहां गोल्ड लोन पर दोगुना यानी 4 लाख रुपये लिए जा सकते हैं. बता दें कि UCBs छोटे और सीमांत उधारकर्ताओं को उनकी फंडिंग आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करने के लिए ऋण सीमा में वृद्धि की मांग कर रहे थे.


RBI ने हाल ही में UCBs के लिए PSL लक्ष्य हासिल करने की समयसीमा दो साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2026 कर दी है.


RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, 'शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) के तहत समग्र लक्ष्य तक उप-लक्ष्य पूरा कर लिया है, उनके लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है.'


जनता को क्या मिलेगा फायदा?
पहले तो यह समझें कि इससे छोटे कारोबारियों को काफी ज्यादा फायदा पहुंचेगा. साथ ही इसमें उन्हें ज्यादा कागजी कार्रवाई भी नहीं झेलनी पड़ेगी. उन्हें तुरंत पैसा मिल जाएगा. बता दें कि गोल्ड की वैल्यूएशन के साथ ज्यादातर गोल्ड लोन एक दिन में ही पास होकर ग्राहक के खाते में पहुंच जाते हैं.  


वहीं, बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत अगर कोई कर्ज लेता है तो वह मूल राशि और ब्याज का भुगतान कर्ज अवधि के अंत में एकसाथ कर सकेगा. हालांकि सोने के बदले कर्ज पर ब्याज का आकलन पूरी अवधि के दौरान हर महीने के हिसाब से ही किया जाएगा.


दास ने कहा , 'यह उपाय हमारी उस पिछली घोषणा के तहत है, जिसमें कहा गया था कि 31 मार्च 2023 तक निर्धारित प्राथमिक क्षेत्र कर्ज के लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी को UCBs प्रोत्साहन दिया जाएगा.'


रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव
RBI ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा. इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में कोई बदलाव नहीं होगा.


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