RBI Guidelines: भारतीय रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र के माध्यम से बैंकों को सूचित किया कि वे निष्क्रिय खातों (Inoperatitve Bank Account) पर न्यूनतम शेष राशि (Minimum Balance) बनाए नहीं रखने पर जुर्माना नहीं लगा सकते हैं.


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RBI की वेबसाइट के अनुसार यदि खाते में दो साल से अधिक समय तक कोई लेनदेन नहीं हुआ है तो बचत और चालू खाते को निष्क्रिय माना जाना चाहिए. जिन खातों को दो वर्षों की अवधि में संचालित नहीं किया गया है, उन्हें अलग कर दिया जाना चाहिए और अलग-अलग बहीखातों में रखा जाना चाहिए.


इसके अतिरिक्त परिपत्र में कहा गया है कि छात्रवृत्ति राशि या प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर के लिए बनाए गए खातों को निष्क्रिय नहीं माना जाएगा, भले ही उनका उपयोग दो वर्षों से अधिक समय तक नहीं किया गया हो.


नए रूल कब से लागू होंगे?
नए नियमों के मुताबिक, 'बैंकों को निष्क्रिय खाते के रूप में वर्गीकृत किसी भी खाते में न्यूनतम शेष राशि बनाए न रखने पर दंडात्मक शुल्क लगाने की अनुमति नहीं है. निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा.' बता दें कि नए रूल अप्रैल 1 से लागू होंगे.


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