Retail Inflation at 5.48%: भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत हो गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आपूर्ति में सुधार के कारण सब्जियों की बढ़ती कीमतों में कमी आई. अब इससे विकास में मंदी की चिंताओं के बीच फरवरी की नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई.


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अक्टूबर में उच्च खाद्य मुद्रास्फीति और शहरी खपत में कमी के कारण सूचकांक 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, जिसके बाद नवंबर में मुद्रास्फीति में नरमी आई. इससे केंद्रीय बैंक को दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत करने के उम्मीद जगाई.


इस बीच, सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) द्वारा मापा गया कारखाना उत्पादन अक्टूबर 2024 में साल-दर-साल (y-o-y) 3.5 प्रतिशत बढ़ा. विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन एक साल पहले महीने में 10.6 प्रतिशत के मुकाबले 4.1 प्रतिशत बढ़ा. अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में, IIP चार प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल पहले की अवधि में सात प्रतिशत था.


नवंबर में भारत की CPI मुद्रास्फीति में नरमी आई
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने कहा, 'नवंबर 2024 के महीने के दौरान, सब्जियों, दालों और उत्पादों, चीनी और मिष्ठान्न, फलों, अंडों, दूध और उत्पादों, मसालों, परिवहन और संचार तथा पर्सनल केयर में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है.'


नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 10.87 प्रतिशत से धीमी होकर 9.04 प्रतिशत हो गई. खाद्य पदार्थों की खपत टोकरी में लगभग आधी हिस्सेदारी है. अक्टूबर में 42.18 प्रतिशत की वृद्धि के बाद नवंबर में सब्जियों की कीमतों में एक साल पहले की तुलना में 29.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई.


क्या सबसे महंगा रहता है और क्या सबसे सस्ता?
नवंबर 2024 में अखिल भारतीय स्तर पर सबसे अधिक साल-दर-साल मुद्रास्फीति दिखाने वाली टॉप पांच वस्तुएं लहसुन, आलू, फूलगोभी, पत्तागोभी और नारियल तेल हैं. नवंबर में सबसे कम साल-दर-साल मुद्रास्फीति वाली प्रमुख वस्तुएं जीरा, अदरक, एलपीजी-रहित वाहन और सूखी मिर्च हैं.


सीपीआई मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्टूबर 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गई थी. हालांकि, अब कुछ राहत की खबर है.


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