Sleeping With Open Mouth: आप भी सोते हैं रात में मूंह खोलकर? इन बातों का जरूर रखें ध्यान
Sleeping With Open Mouth Side Effects: कई लोगों को सोते समय मुंह खोले रखने की आदत होती है. बता दें कि मुंह खोलकर सोना अच्छा साइन नहीं है. इससे आपके शरीर को कई बड़े नुकसान हो सकते हैं.
नई दिल्ली: Sleeping With Open Mouth Side Effects: अच्छी सेहत के लिए रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूी है. इसके अलावा आप किस पोजिशन में सोते हैं इसका ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है क्योंकि नींद के दौरान हमारा शरीर खुद को रिपेयर करने के साथ ही मसल्स को डेवलेप करता है. वहीं कई लोगों को सोते समय मुंह खोले रखने की आदत होती है. बता दें कि मुंह खोलकर सोना अच्छा साइन नहीं है. इससे आपके शरीर को कई बड़े नुकसान हो सकते हैं. अगर आपका बच्चा भी मुंह खोलकर सोता है तो उसके लिए भी ये आदत नुकसानदायक साबित हो सकती है.
मुंह खोलकर सोने के नुकसान
टॉन्सिल
मुंह खोलकर सोने की आदत सबसे ज्यादा बच्चों में देखी जाती है. रिसर्च की मानें तो जिन बच्चों को मुंह खोलकर सोने की आदत होती है उनमें टॉन्सिल्स की समस्या सबसे ज्यादा होती है. ऐसे में आपका बच्चा किस पोजिशन में सो रहा है उस पर जरूर ध्यान दें.
सांसों से बदबू आना
जो लोग मुंह खोलकर सोते हैं उनमें सांसों की दुर्गंध की समस्या भी होती है. बता दें कि खुले मुंह सोने से हमारा सलाइवा ड्राई होने लगता है, जिससे हमारी सांसो से बदबू आने लगती है. मुंह की इस दुर्गंध को हैलिटोसिस कहा जाता है, जो लार्वा को ड्राई करने का काम करता है.
थकान
रात में खुले मुंह सोने से फेफड़ों में ऑक्सीजन का फ्लो धीमा हो जाता है. फेफड़ों तक ऑक्सीजन कम पहुंचने से थकान और कमजोरी होने लगती है. ऐसे में आप दिनभर सोने के बाद भी कमजोरी महसूस कर सकते हैं.
कैविटी
मुंह खोलकर सोने से हमारा सलाइवा भी ड्राई होने लगता है, जिससे हमारे मुंह में बैक्टीरिया की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ने लगती है, जिसके चलते हमें कैविटी की परेशानी भी हो सकती है. कि मामलों में तो इससे दांत खराब भी होने लगते हैं.
होंठ फटना
लंबे समय तक मुंह खोलकर सोने से हमारे होंठ ड्राई हो जाते हैं. इससे ये फटने भी लगते हैं. हों ठ फटने का मुख्य कारण है सलाइवा का ड्राई होना. इससे आपको खाना खाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
हाई बीपी
मुंह खोलकर सोने से हम मुंह से सांस लेने लगते हैं. इससे हमारे शरीर को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, नसों में ब्लड का फ्लो नहीं हो पाता है. ऐसे में शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
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