नई दिल्ली: बेहद कम लोग होते हैं जिन्हें एक से ज़्यादा विषयों पर ज्ञान प्राप्त होता है. ऐसे ही थे ईसापूर्व 376 में तक्षशिला में जन्में चाणक्य. चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में 180 से ज्यादा विषयों पर लिखा है. चाणक्य को कुछ लोग कौटिल्य और विष्णु गुप्त के नाम से भी जानते हैं. चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री थे जिनके बताए गए सूत्र आज भी उतने ही उचित हैं जितने की तब हुआ करते थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुबह जल्दी उठना
चाणक्य के अनुसार हमें सुबह संगीत सुनते हुए जल्दी उठना चाहिए, क्योंकि सुबह के समय में संगीत की ध्वनि सुनने पर हमारा मन शांत रहता है और जीवन में स्थिरता आती है. सुबह जल्दी उठने के साथ ही हमें पुरे दिन मुस्कुराते रहना चाहिए और ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे की हम बाकी लोगों के लिए भी प्रेरणा बनें. एक पुरानी कहावत भी है, 'एक मुस्कराहट ही हमारे चेहरे का सबसे उत्तम श्रृंगार है' और ऐसा करने पर आप महसूस करेंगे कि आपकी 'गुड मॉर्निंग' एक 'गुड डे' में बदल जायेगी.


जितना ज़रूरी सुबह जल्दी उठना है उतना ही ज़रूरी है अच्छी नींद लेना. एक आम व्यक्ति को रोज़ 7 से 8 घंटे सोना चाहिए. यदि आप जल्दी सोएंगे और गहरी नींद लेंगे तो सुबह अधिक ऊर्जा के साथ उठेंगे.


किस समय पर कैसा संगीत सुनना
चाणक्य के अनुसार दुनिया में हर मनोदशा के लिए लिए भिन्न-भिन्न संगीत मौजूद है. वह यहां तक कहते हैं कि जब कोई युद्ध में भी जा रहा हो, तब भी संगीत सुने. संगीत का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए सही प्रकार के संगीत का चयन करना आवश्यक है. चाणक्य के अनुसार हमारी सुबह 'सात्विक' होती है इसलिए सुबह के समय हमें धीमी ध्वनि वाला संवेदनशील संगीत सुनना चाहिए. जैसे-जैसे सूरज चढ़ता जाए और आप अपने अंदर ऊर्जा महसूस करें तो आपको ऐसा संगीत सुनना चाहिए जो आपकी ऊर्जा से मेल खाता हो. 


दोपहर के समय जब हम अपना आधे दिन का काम कर चुके होते हैं उस समय हमें धीमा संगीत सुनते हुए झपकी लेनी चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि सबसे सर्वश्रेष्ठ संगीत है शांति, इसलिए हमें हर रोज़ कम से कम 20 मिनट शांत मुद्रा में बैठकर अपने अंतःमन को सुनना चाहिए. एक उचित संगीत हमारे जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकता है.


खुद को सोचने का समय देना
सोचने की क्षमता मनुष्य के लिए ईश्वर का सबसे बड़ा उपहार है. ऐसा नही है कि बाकी प्रजातियाँ सोच या समझ नही सकती, लेकिन मनुष्य कहीं न कहीं उनसे श्रेष्ठ है. अन्य प्रजातियों से श्रेष्ठ होने के बावजूद भी मनुष्य अपनी सोचने की क्षमता को प्रयोग में नही लाते. चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में लिखा है कि हम अपने लक्ष्य को 'आन्वीक्षिकी'(स्पष्ट विचार) के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं. अक्सर लोग सलाह देते हैं कि आपको पूरे दिन में जो भी कार्य करना है उसकी सूची बनाएं और उसके अनुसार काम करें लेकिन चाणक्य के अनुसार हमें अपनी बनायी गयी सूची की दिन में 3-4 बार समीक्षा करनी चाहिए और यदि कोई संशोधन की आवश्यकता है तो वह ज़रूर करने चाहिए.

यह भी पढ़िए:  ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इस मौसमी चने का सेवन करें

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.