नई दिल्ली: साधारण खांसी, जुकाम बुखार हो या कैंसर.. बीमारी के इलाज के लिए कोई एलोपैथी (Allopathy) पर भरोसा करता है तो कोई आयुर्वेद, यूनानी या होम्योपैथी (Homeopathy) के जरिए इलाज करना चाहता है. अक्सर एक डॉक्टर दूसरी विधा में खामियां बताकर उसे खारिज कर देता है. लेकिन अगर दोनों सिस्टम एक दूसरे की खूबियों को मिलाकर इलाज के तरीके इजाद करें तो इसमें फायदा मरीज का ही है. अब ऐसा एक रास्ता निकाला गया है.


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आयुष मंत्रालय ने किया MOU को साइन
आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) जिसके तहत आयुर्वेद, यूनानी, योगा, सिद्दा और होम्योपैथी आते हैं और एलोपैथी को मिलाकर इलाज के तरीके इजाद किए जाएंगे. आईसीएमआर और आयुष मंत्रालय ने आज इस बारे में एक MOU को साइन किया है.


दोनों विभाग मिलकर इलाज के क्षेत्र में रिसर्च का काम करेंगे. ऐसी बीमारियां जो देश में तेज़ी से फैल रही हैं  और जिस बीमारी के मरीज़ ज्यादा हैं, उन बीमारियों के लिए क्लीनिकल ट्रायल भी किए जाएंगे.


आयुष सिस्टम के तहत हो रहे इलाज की होगी स्टडी
इन ट्रायल्स में आयुष के तहत आने वाली थेरेपी को आज़मा कर देखा जाएगा. दोनों विभाग एक दूसरे की टेक्नोलॉजी और सिस्टम को शेयर करेंगे. दूसरे देशों में आयुष सिस्टम के तहत जो इलाज हो रहे हैं उनकी स्टडी भी की जाएगी.


एम्स में मौजूद आयुष डिपार्टमेंट भी आने वाले समय में इंटिग्रेटिड मेडिसिन के विभाग में बन जाएगा. केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ मनसुख मांडविया के मुताबिक वैज्ञानिक तथ्यों और रिसर्च के आधार पर आयुष और एलोपैथ दोनों सिस्टम मिलकर काम करेंगे जिससे मेडिसिन की विधा का विकास होगा.


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