नई दिल्लीः सरकार ने छात्रों को अब एक ही विश्वविद्यालय से या अलग-अलग संस्थानों से समान स्तर के दो पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ प्रत्यक्ष तरीके से पढ़ाई करने की अनुमति देने का फैसला किया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार ने पहली बार इस तरह का फैसला किया है. आयोग इस संबंध में जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा और शिक्षण सत्र 2022-23 से छात्रों को यह विकल्प मिल सकेगा. 


नई शिक्षा नीति के अनुसार हुई घोषणा
कुमार ने बताया, ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में की गई घोषणा के अनुसार और छात्रों को विविध कौशल प्राप्त करने देने के लिए यूजीसी नए दिशानिर्देश ला रहा है, जिसमें किसी अभ्यर्थी को एक साथ प्रत्यक्ष तरीके (फिजिकल मोड) से दो डिग्री कार्यक्रम की पढ़ाई करने की अनुमति दी जाएगी. डिग्री कार्यक्रम या तो एक ही विश्वविद्यालय से या अलग-अलग विश्वविद्यालय से किया जा सकता है.’ 


उन्होंने कहा कि छात्रों को प्रत्यक्ष तरीके से और ऑनलाइन तरीके से भी एक साथ दो डिग्री कार्यक्रमों में पढ़ाई करने की अनुमति दी जाएगी. यूजीसी लंबे समय से इस तरह की योजना बना रहा था, लेकिन उसे इसके लिए 2020 में मंजूरी मिली थी. 


आयोग ने 2012 में भी इस विचार पर अध्ययन के लिए समिति बनाई थी और विचार-विमर्श किया गया, लेकिन अंतत: इस विचार को छोड़ दिया गया. 


एक स्तर के होने चाहिए दोनों कार्यक्रम
कुमार ने कहा कि छात्रों की ओर से एक ही समय पर अपनाए गए दो कार्यक्रम एक स्तर के होने चाहिए. उदाहरण के लिए वे दो स्नातक या दो स्नातकोत्तर (पीजी) या दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक साथ कर सकते हैं. 


तीन तरीके से ले सकते हैं दो डिग्रियां
यूजीसी की ओर से तैयार मसौदा दिशानिर्देशों के अनुसार छात्र तीन तरीके से दो पूर्णकालिक डिग्री पाठ्यक्रम कर सकते हैं.


1. पहला, छात्र प्रत्यक्ष तरीके से दोनों अकादमिक कार्यक्रमों में पढ़ाई कर सकते हैं. बशर्ते दोनों कार्यक्रमों का समय एक दूसरे के आड़े नहीं आए. 


2. दूसरे तरीके में छात्र एक कार्यक्रम प्रत्यक्ष तरीके से और दूसरा ऑनलाइन या दूरस्थ प्रकार से कर सकते हैं. 


3. तीसरे तरीके में छात्र एक साथ ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दोनों डिग्री पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर सकते हैं. इनमें अलग-अलग संकाय के विषय हो सकते हैं. इनमें मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य के विषय हो सकते हैं और छात्र की अर्हता तथा कार्यक्रमों की उपलब्धता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा. 


दिशानिर्देशों को अपनाना अनिवार्य नहीं
कुमार ने बताया कि किसी विश्वविद्यालय या किसी परिषद के लिए इन दिशानिर्देशों को अपनाना अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन आयोग को उम्मीद है कि अधिक से अधिक संस्थान छात्रों को दो डिग्री पाठ्यक्रमों में एक साथ पढ़ाई की अनुमति देंगे. 


उन्होंने कहा, ‘पहले दिशानिर्देश संस्थानों और वैधानिक निकायों को भेजे जाएंगे, जिसके बाद वे अपनी सुविधा के अनुसार इन्हें अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगे. संबंधित संस्थान प्रवेश और परीक्षाओं के लिए प्रक्रिया तथा अर्हता तय करेंगे.’ 


संस्थान की प्रवेश प्रक्रिया का करना होगा पालन
कुमार ने बताया, ‘अगर किसी विश्वविद्यालय में ‘समान विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा’ (CUET) में बैठना अनिवार्य हुआ तो छात्रों को ऐसा करना होगा, यदि वे अन्य किसी संस्थान में भी प्रवेश चाह रहे हैं तो उन्हें उस संस्थान की प्रवेश प्रक्रिया का पालन करना होगा.’ 


कार्यक्रमों के लिए उपस्थिति संबंधी शर्तें भी संबंधित कॉलेज और संस्थान तय करेंगे.


यह भी पढ़िएः Delhi weather Big update: अब इतने दिनों तक नहीं चलेगी राजधानी में लू


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.