नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ऐसे विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ सहयोगात्मक व्यवस्था से डिग्री प्रदान करने वाली एडटेक कंपनियों और महाविद्यालयों को चेतावनी दी है, जो यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.


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यूजीसी ने स्टूडेंट्स को किया सतर्क
यूजीसी ने दोहराया है कि ये डिग्री अमान्य होंगी और उसने छात्रों को सतर्क किया है कि वे इस प्रकार के पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला नहीं लें. यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने कहा, 'यह पाया गया है कि कई उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) और महाविद्यालयों ने विदेश के ऐसे शिक्षण संस्थाओं के साथ सहयोग संबंधी समझौते किए हैं जो आयोग से मान्यता प्राप्त नहीं है और ये एचईआई एवं महाविद्यालय छात्रों को विदेश की डिग्री जारी किए जाने की व्यवस्था कर रहे हैं.' 


उन्होंने कहा, 'इस तरह के किसी भी प्रकार के सहयोग या व्यवस्था को यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं है और इसलिए ऐसी सहयोगात्मक व्यवस्था के बाद जारी की गई डिग्रियां भी आयोग से मान्यता प्राप्त नहीं हैं.'


यूजीसी के संज्ञान में आया है यह मामला
जोशी ने कहा कि यूजीसी के संज्ञान में यह भी आया है कि कुछ एडटेक कंपनियां कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ मिलकर ऑनलाइन डिग्री और डिप्लोमा कार्यक्रम पेश करने को लेकर समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और टेलीविजन के जरिए विज्ञापन दे रही हैं. 


नियमों के तहत की जाएगी कार्रवाई
जोशी ने कहा, 'ऐसी फ्रेंचाइजी व्यवस्था की अनुमति नहीं है और ऐसे किसी भी कार्यक्रम या डिग्री को यूजीसी की मान्यता नहीं होगी. ऐसे मामलों में दोषी सभी एडटेक कंपनियों के अलावा एचईआई के खिलाफ भी लागू नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.' 


उन्होंने कहा, 'छात्रों और आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे उचित सावधानी बरतें और वे ऐसे पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकरण अपने जोखिम पर कराएं.'


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