नई दिल्लीः केंद्रीय बजट-2021 के जारी होने के बाद सबसे बड़ा झटका मध्यम वर्गीय करादाता श्रेणी के लोगों को लगा है. दरअसल नौकरीपेशा आदमी बड़ी उम्मीद से Union Budget-2021 की ओर देख रहा था. पिछले दिनों आर्थिक सर्वे जारी होने के बाद इस बात की उम्मीद बढ़ी थी कि मौजूदा टैक्स स्लैब में वित्त मंत्री जी कुछ छूट दे सकती हैं.


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Corona और Lockdown से जूझ कर निकला आम आदमी को आयकर में छूट की जरूरत थी. पांच से 10 लाख रुपये के लिए स्लैब को 20 फीसदी से घटाकर के 10 फीसदी करने की मांग कई गई थी, लेकिन बजट में ऐसा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. 


वरिष्ठ नागरिकों को मिली छूट
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट (Budget 2021-22) वेतनभोगी मध्यम वर्ग के लिए कोरा कागज साबित हुआ है. बजट में न तो कोई अतिरिक्त टैक्स छूट (Income Tax Rebate) की घोषणा की गई और न ही टैक्स स्लैब (Tax Slab) में कोई सुधार किया गया. हालांकि बजट में सिर्फ वैसे वरिष्ठ नागरिकों (Senior citizen) के लिए एक राहत की घोषणा हुई, जो कि 75 साल से ज्यादा उम्र के होंगे. इनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने से छूट मिली. 


मध्यम वर्ग को थी सबसे ज्यादा उम्मीद
दरअसल वेतनभोगी लोगों की आय कम होती है, लेकिन टैक्स को लेकर सबसे अधिक बोझ हो जाता है. हालात यह हैं कि आम आदमी ही सबसे अधिक टैक्स का भुगतान करता है. मौजूदा समय में 2.5 लाख से पांच लाख रुपये की आय पर पांच फीसदी टैक्स देना होता है. वहीं पांच से 10 लाख रुपये पर सीधे 20 फीसदी टैक्स दर लागू है. इससे करदाताओं पर सीधा असर पड़ता है. पांच से 10 लाख रुपये के लिए स्लैब को 20 फीसदी से घटाकर के 10 फीसदी करने की मांग भी वित्त मंत्री से करदाता कर रहे थे। लेकिन सबको निराशा ही हाथ लगी. 


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