नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से लगातार यह अफवाह और खबरें चल रहीं थी कि सरकार द्वारा यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाया जा सकता है, लेकिन अब खुद वित्त मंत्रालय ने इस तरह की खबरों और अफवाहों पर फुल स्टॉप लगा दिया है. वित्त मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि, यूपीआई सेवाओं पर किसी तरह का कोई चार्ज नहीं लगाया जा रहा है. 


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यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाने की आई थी खबर 


पिछले दिनों खबर आई थी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया UPI पेमेंट की समीक्षा कर रहा है. इसमें कहा गया था कि रिजर्व बैंक यूपीआई पेमेंट पर एमडीआर चार्ज यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट लगाने पर विचार कर रहा है. लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस तरह की खबरों का खंडन किया है.


क्या ट्वीट किया वित्त मंत्रालय ने


वित्त मंत्रालय की तरफ से यूपीआई पर चार्ज लगाने के संबंध में एक बयान जारी किया गया है. वित्त मंत्रालय की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया कि यूपीआई एक ऐसा डिजिटल प्लैटफॉर्म है जो जनता के लिए अत्यधिक सुविधाजनक है और अर्थव्यवस्था में इसका बड़ा योगदान है.


सरकार यूपीआई पेमेंट सर्विस पर किसी तरह का चार्ज लगाने पर विचार नहीं कर रही है. सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कॉस्ट रिकवरी के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा. डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार ने पिछले साल आर्थिक मदद का ऐलान किया था. यह मदद इस साल भी जारी रहेगी.



डिजिटल पेमेंट सिस्टम को मिलती रहेगी आर्थिक मदद


सरकार ने डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के लिए आर्थिक मदद को जारी रखने का फैसला किया है. पिछले साल सरकार ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम के कारण होने वाले MDR चार्ज के नुकसान के लिए 1500 करोड़ का ऐलान किया था. सरकार ने 1 जनवरी 2020 को रूपे डेबिट कार्ड और UPI को चार्ज मुक्त कर दिया था. ऐसे में प्रत्येत ट्रांजैक्शन पर MDR चार्ज का नुकसान हो रहा था. इसकी भरपाई के लिए ही आर्थिक मदद दी जा रही है.



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