UPs new new industrial hub, Pilibhit: अब शहर के लोग किसी दूसरे जिले में काम तलाशने नहीं जाएंगे. युवाओं को उन्हीं के जिले में ही रोजगार मिल जाएगा. शहर को एक अलग दर्जा मिलेगा और लोगों के काम भी बढ़ेंगे. ये बात हम उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत की कर रहे हैं. वैसे तो पीलीभीत को ईको टूरिज्म हब के तौर पर जाना जाता है, लेकिन बात उद्योग और रोजगार की आती है तो यह आस पास के अन्य जिलों से काफी पिछड़ जाता है. हालांकि, अब पीलीभीत के लिए अच्छी खबर है.


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दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने पीलीभीत जिले के भरा पचपेड़ा क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बताया गया कि विकास योजना तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश जारी कर दिए हैं. इस परियोजना पर 304.83 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है, जिसे सरकार दो चरणों में जारी करेगी. राज्य सरकार के निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (SIDA) ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए प्रस्ताव जारी कर दिया है.


औद्योगिक लिहाज से पिछड़ा पीलीभीत
पीलीभीत के ज्यादातर युवा रोजगार के लिए शहर छोड़ जाते थे और किसी दूसरे जिले में पलायन करते थे. हालात ऐसे बन गए हैं कि मजदूरी के लिए लोगों को अपने जिले में काम नहीं मिल रहा. रोजाना दिहाड़ी के लिए अन्य जिलों में जाने की नौबत आन पड़ी है. पीलीभीत औद्योगिक लिहाज से काफी पिछड़ा हुआ है, जिसमें सुधार के लिए स्थानीय निवासी, व्यापारी जिले में ही उद्योगों को स्थापित करने की मांग उठा रहे थे.


खमीर फैक्ट्री लगेगी
खास बात ये है कि पीलीभीत में औद्योगिक हब विकसित करते हुए यहां भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी खमीर फैक्ट्री लगाई जाएगी. सरकारी अधिकारियों के अनुसार, 'परियोजना को लक्ष्य तक पहुंचने में लगभग 18 महीने लगेंगे.' राज्य सरकार के अधिकारियों ने दोहराया कि औद्योगिक विकास राज्य की 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है.

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