नई दिल्ली: उत्तर भारत में सर्द हवाओं और घने कोहरे से अभी राहत मिलने के आसार नहीं है. कड़ाके की ठंड और शीतलहर के कारण नए साल की आमद का उत्साह भी कुछ फीका पड़ सकता है. वहीं देश की राजधानी में तापमान बहुत तेजी से गिर रहा है. बीते दो दिनों में राजधानी का तापमान हिल स्टेशनों के भी न्यूनतम तापमान से कम रहा. 


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हिल स्टेशन से भी कम रहा दिल्ली में तापमान


अगर आप हिल स्टेशन की ठंड का मजा लेना चाहते हैं, तो अभी आप इसका लुत्फ दिल्ली में भी उठा सकते हैं. दिल्ली में आज शायद ठंड से हल्की राहत जरूर मिल जाए, पर बीते दो दिनों से ठंड के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है


दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मंगलवार को न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस और सोमवार को पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. धर्मशाला में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस, देहरादून में सात डिग्री सेल्सियस और नैनीताल में 7.2 डिग्री सेल्सियस था, जबकि दिल्ली में इनके मुकाबले मंगलवार को न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस था. 


क्यों पड़ रही दिल्ली में इतनी ज्यादा ठंड?


मौसम वैज्ञानिकों ने दिन के तापमान में इस गिरावट के लिए मैदानी इलाकों से गुजरने वाली उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं और कोहरे के मौसम के कारण कम धूप निकलने को जिम्मेदार ठहराया है. ‘स्काईमेट वेदर’ के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25-26 दिसंबर को पहाड़ों में फिर से बर्फबारी हुई, जिसके बाद उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं अब मैदानी इलाकों में बह रही हैं. 


विभाग के अनुसार, ‘ठंडा दिन’ तब माना जाता है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जाए. अधिकतम तापमान के सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे अधिक कम होने पर उसे ‘बेहद ठंडा दिन’ माना जाता है. 


पलावत ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी भारत में शीतलहर की स्थिति बुधवार से ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में समाप्त हो जाएगी. हालांकि यह राहत महज कुछ दिन ही रहने की संभावना है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के बाद न्यूनतम तापमान फिर गिरेगा. दिल्ली में सोमवार को ‘बेहद ठंडा दिन’ था, क्योंकि अधिकतम तापमान कुछ स्थानों पर सामान्य से 10 डिग्री कम दर्ज किया गया था. 


किस आधार पर की जाती है शीतलहर की घोषणा?


आईएमडी के अनुसार, न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीत लहर की घोषणा की जाती है. शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो. न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘भीषण’ शीतलहर की घोषणा की जाती है. 


(इनपुट- भाषा)


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