नई दिल्लीः 2020 के आठवें महीने के शनिवार से शुरुआत हो गई है. इसी के साथ यह नया महीना बहुत से बदलाव लेकर आया है. इससे जीवन और रोजमर्रा की जिंदगी में बड़ा असर पड़ेगा. एक जेब से धन खर्च होगा तो दूसरी में बचत होगी. घरेलू गैस, बीमा, खरीदारी में क्या-क्या बदलाव हुए हैं, डालते हैं एक नजर-


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LPG की कीमतों में हुआ बदलाव
सबसे पहले शुरुआत करते हैं, गृहस्थी से. कोरोना काल की शुरूआत से ही लगातार एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में इजाफे का सिलसिला शुरू हुआ था, यह अब अगस्त में आकर ठहर गया है. तेल कंपनियों ने एलपीजी में सिलेंडर की कीमतों को आम जनता को बड़ी राहत दी है.



हर महीने की शुरुआत के साथ ही एलपीजी और ईंधन की नई कीमतें लागू होती हैं.  इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक, जुलाई के महीने में कोलकाता में नॉन सब्सिडाइज्ड रसोई गैस LPG सिलिंडर की कीमत 620.50 रुपये थी जो अब 621 रुपये हो गई है. दिल्ली में 14 किलोग्राम वाले LPG सिलिंडर की कीमत 594 रुपये, मुंबई में 594 रुपये और चेन्नै में 610.50 रुपये पर स्थिर है.


नया वाहन खरीदना होगा सस्ता
भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने वाहन बीमा में बड़े बदलाव का नोटिफिकेशन जारी किया है. नए नियम के मुताबिक ग्राहक को गाड़ी बीमा पर खर्च होने वाली बड़ी राशि से मुक्ति मिलेगी. IRDAI की घोषणा के मुताबिक,



1 अगस्त 2020 से नए वाहन (चार पहिया व दो पहिया) के लिए लिया जाने वाला थर्ड पार्टी और Own damage बीमा, जो 3 से पांच साल के लिए लेना होता था, उसकी कोई जरूरत नहीं होगी. ऐसे में नया वाहन खरीदना थोड़ा सस्ता होगा.


बैंकिंग में भी बदले नियम
बैंक ऑफ महाराष्ट्र, ऐक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और आरबीएल बैंक ने 1 अगस्त से ट्रांजैक्शन के नियमों में बदलाव कर दिया है. इनमें से कुछ बैंक कैश निकालने और जमा करने पर फीस वसूलेंगे तो कई मिनिमम बैलेंस की सीमा बढ़ाने की तैयारी में हैं.



इनमें से कुछ बैंक कैश निकालने और जमा करने पर फीस वसूलेंगे तो कई मिनिमम बैलेंस बढ़ाने की तैयारी में हैं. आरबीएल बैंक ने सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की है. नई ब्याज दरें 1 अगस्त से प्रभावी हो रही हैं. अब आरबीएल बैंक सेविंग्स अकाउंट में 1 लाख रुपये तक जमा पर 4.75 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा.


बदल रहें हैं ई-कॉमर्स के नियम
1 अगस्त से e-कॉमर्स कंपनियों को यह बताना जरूरी हो गया है कि कोई भी उत्पाद किस देश में बना है. कंपनी चाहे भारत में रजिस्टर्ड हो या विदेश में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. अगर वह भारत में कारोबार कर रही है तो सामान बेचने पर यह नियम लागू होगा.



नए नियमों के अनुसार ई-कॉमर्स कंपनियों को बिक्री के लिए रखे गये सामानों और सेवाओं की कुल कीमत के साथ अन्य शुल्कों का पूरा ब्योरा देना होगा. साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि किसी भी उत्पाद की 'एक्सपायरी' डेट क्या है.


EPF में बदलाव
सरकार ने PPF और SCSS अकाउंट को एक्सटेंड कराने की समयसीमा को बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया था. यानी जो लोग PPF व SCSS अकाउंट को एक्सटेंड कराना चाहते हैं लेकिन अकाउंट की मैच्योरिटी के बाद मिलने वाला एक साल का ग्रेस पीरियड लॉकडाउन में ही खत्म हो गया और वे एक्सटेंशन का फॉर्म जमा नहीं कर पाए थे तो वे इस फॉर्म को 31 जुलाई 2020 तक जमा कर सकते हैं.



1 अगस्त को यह अवधि समाप्त हो  गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि मई, जून और जुलाई के महीने में EPF (Employee Provident Fund) का योगदान 24 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. एंप्लॉयी और एंप्लॉयर का योगदान 12-12 फीसदी से घटाकर 10-10 फीसदी कर दिया गया. इसका समय अब पूरा हो चुका है. अब वही पुरानी राशि जमा होगी.