नई दिल्ली.  उन लोगों को सावधान करने आवश्यकता अधिक है जिनकी सावधानी अपूर्ण है. वो लोग जो कोरोना के लिए सावधान होना ही नहीं चाहते, उन आत्मघातियों के लिए दुनिया में कोई सलाह नहीं बनी है. इस आलेख के माध्यम से हम कोरोना-सावधान लोगों को ही सावधान कर रहे हैं और उनको बता रहे हैं कि कहां हो रही है उनसे चूक.


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चार चीजें हैं कोरोना की साजिश में शामिल 


घर का भेदी लंका ढाये. हमारी अपनी चार चीज़ें हैं जिनके साथ साजिश करके कोरोना हमारे घर घुस आता है. और ये चार चीज़ें हैं -हमारा बदन, हमारे कपड़े, हमारे साथ का सामान और हमारी गतिविधियां.  हमारे साथ के सामान से तात्पर्य है हमारे साथ रोज़ घर से बाहर आने-जाने वाला हमारा सामान. हमने इस आलेख के पिछले भाग में बताया है किस तरह हम अपने साथ के सामान को लेकर सतर्क हो सकते हैं और कोरोना को नाकाम कर सकते हैं. 


हमारी गतिविधियां भी कोरोना को प्रिय हैं


इसलिए कोरोना को हमारी गतिविधियां प्रिय हैं कि वह इन गतिविधियों का सहारा ले कर ही हमारे घर चला आता है. गतिविधियां हमारी हमारे घर की हों या घर के बाहर की हों -कोरोना उनका फायदा उठाता है और हमारी जान पर बन आता है. इन गतिविधियों पर ज़रा गौर से नज़र डालने की ज़रूरत है ताकि वहां हम ये सुनिश्चित कर सकें कि कोई लापरवाही न हो और कोरोना नाकाम हो जाए.



 


घर की गतिविधियां पहले अहम हैं 


घर की गतिविधियां इसलिए अहम हैं क्योंकि इनके प्रति हम अधिक लापरवाह हो जाते हैं. हम ये सोचते हैं कि अब घर आ गए हैं, अब डरने की कोई बात नहीं है. इसलिए घर की गतिविधियों पर पूरा ध्यान देना जरूरी है और परिवार के सभी सदस्यों को साफ़-साफ़ समझाने की जरूरत है. 


घर के दरवाजे से शुरू कीजिये 


घर के दरवाजे से लेकर बाथरूम तक - ये वो रास्ता है जिससे कोरोना आता और जाता है. घर के दरवाजे पर ही उसे रोक देंगे तो अंदर कैसे आएगा. इसलिए आप अगर घर के आसपास के कम्पाउंड तक गए हों या बिलकुल घर के पास वाले छोटे से मार्किट तक - आपको अपनी चप्पल या जूते घर के भीतर नहीं लाने हैं. अपने चप्पल जूते भी बाहर उतारें और घर आने वाले हर व्यक्ति के जूते चप्पल बाहर ही उतरवाएं ताकि जूते-चप्पलों के तलवे से चिपक कर कोरोना घर न चले आये.


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