सूडान में चल रही है मार-काट! 31 लाख लोग इस बीमारी से हो गए परेशान, मचा गया पूरी दुनिया में हड़कंप
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सूडान में चल रही है मार-काट! 31 लाख लोग इस बीमारी से हो गए परेशान, मचा गया पूरी दुनिया में हड़कंप

UNICEF warns of cholera: सूडान में लगभग 16 महीने से आपस में ही जंग चल रही है. हालात यह है कि अस्पताल बंद हो गए हैं. संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में 70 प्रतिशत से ज्यादा अस्पताल बंद हैं और फ्रंटलाइन हेल्थ केयर कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं दिया गया है. इसी बीच हैजे ने देश की हालात खराब कर दी है.

सूडान में चल रही है मार-काट! 31 लाख लोग इस बीमारी से हो गए परेशान, मचा गया पूरी दुनिया में हड़कंप

UNICEF In Sudan: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने चेतावनी दी है कि सूडान में 30 लाख से अधिक लोगों को हैजा होने का खतरा है. यूनिसेफ ने शुक्रवार को सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "पांच साल से कम आयु के 5 लाख बच्चों समेत 31 लाख लोग हैजा के खतरे में हैं." यूनिसेफ के अनुसार, अप्रैल 2023 में सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच संघर्ष शुरू होने से पहले सूडान में टीकाकरण कवरेज 85 प्रतिशत था जो घटकर लगभग 50 प्रतिशत रह गया है.

70 प्रतिशत से ज्यादा अस्पताल बंद हैं 
संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में 70 प्रतिशत से ज्यादा अस्पताल बंद हैं और फ्रंटलाइन हेल्थ केयर कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं दिया गया है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, गृह युद्ध शुरू होने के बाद से हैजा, मलेरिया, खसरा और डेंगू बुखार जैसी महामारी फैल गई हैं, जिसके कारण सैकड़ों लोगों की मौत हुई है. सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगस्त में देश में हैजा फैलने की घोषणा की थी. हैजा फैलने का कारण संघर्ष के कारण बिगड़ी पर्यावरणीय स्थिति और अशुद्ध जल का उपयोग बताया था.

3.4 मिलियन बच्चे महामारी संबंधी बीमारियों के उच्च जोखिम में 
सूडान हैजा, मलेरिया, डेंगू बुखार, खसरा और रूबेला सहित कई बीमारियों के प्रकोप से जूझ रहा है. अनुमान है कि पांच साल से कम उम्र के 3.4 मिलियन बच्चे महामारी संबंधी बीमारियों के उच्च जोखिम में हैं. सूडान में कई बच्चों की बिगड़ती पोषण स्थिति बच्चों को और भी अधिक जोखिम में डालती है. यूनिसेफ संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ के साथ साझेदारी में एक बहुक्षेत्रीय प्रतिक्रिया को लागू कर रहा है ताकि प्रभावित राज्यों में हैजा के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सके और बीमारी के प्रसार को रोका जा सके. 

जंग की वजह से परेशानी
सूडान में राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज युद्ध से पहले 85 प्रतिशत से गिरकर लगभग 50 प्रतिशत हो गया है. सक्रिय संघर्ष क्षेत्रों में यह दर औसतन 30 प्रतिशत है. सुरक्षा चिंताओं और पहुंच की कमी के कारण वैक्सीन आपूर्ति और नियमित टीकाकरण गतिविधियों की डिलीवरी में बाधा उत्पन्न हुई है.

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