नई दिल्ली. दुनिया को एक वायरस ने संक्रमण से डरा रखा है. कोरोना नामका ये वायरस कैसे बना या किसने बनाया इसका जवाब छुपे तौर पर सभी को पता है लेकिन जिस कोरोना कंट्री ने इसे विकसित किया उसने इसका वैक्सीन नहीं ढूंढा था वरना वहां इतनी मौतें नहीं होतीं. वैसे चीन में कितने लोग मरे हैं और कितने संक्रमित हैं - इसके आंकड़े छुपाये गए हैं, और सही जानकारी दुनिया के सामने पेश नहीं की गई है. फिलहाल इस खौफनाक वायरस से बचाने वाली एक ही चीज़ नज़र आती है जो है - मास्क.


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संक्रमण रोकता है मास्क 


मास्क इसलिए लगाना ज़रूरी है क्योंकि बीमारी किसी भी संक्रमण से फ़ैल रही हो मास्क उससे सुरक्षा देता है. अन्य शब्दों में इस बात को ऐसे कह सकते हैं कि चाहे वो कोरोना का संक्रमण हो या किसी और बीमारी का, उसे रोकने के काम में हमेशा मास्क मदद करता है. खासकर मास्क काम आता है हवा से फैलने वाले संक्रमण या वायरस को.


कोरोना हवा से नहीं फैलता 


इस स्थिति में जबकि हम जानते हैं कि कोरोना हवा से फैलने वाला संक्रमण नहीं है फिर भी हमें मास्क लगाने की सलाह क्यों दी जा रही है ? - तब यहां इसका जवाब ये है कि चूंकि कोरोना का वायरस लिविंग बीइंग अर्थात जीवित प्राणियों और नॉन-लिविंग ऑब्जेक्ट्स से फैलता है. तो यहां इसमें समझने वाली बात ये है कि हमारे हाथ जाने-अनजाने उन लोगों को और उन स्थानों या वस्तुओं को स्पर्श कर सकते हैं जो कोरोना संक्रमित हैं या जिन पर कोरोना का विषाणु है. इस स्थिति में अगर हम अपनी आँखों, नाक या मुँह को छूटे हैं तो यह विषाणु हमारे भीतर पहुंच सकता है. पर ऐसा होगा नहीं क्योंकि हमने मास्क पहना है जिसने हमारे मुँह और नाक को ढक रखा है. 


मास्क बचाता है मुंह और नाक


मुंह और नाक में हम लोग जाने अनजाने बहुत हाँथ लगाते हैं. मुंह और नाक के मुकाबले हम आँखों में हाँथ कम लगाते हैं. इसलिए ख़ास तौर पर मुंह और नाक को न छूना एक बड़ी सुरक्षा है कोरोना के खिलाफ जिसका श्रेय जाता है मास्क को. सवाल ये भी है कि हांथ खुला होता है और कोरोना का विषाणु हांथ से ही आता है तो मास्क इसे कैसे बचा पायेगा. तो इसका सीधा जवाब है कि इसीलिए आपको दिन में जब भी समय मिले हांथ धोना है, ख़ास कर कुछ खाने पीने से पहले तो ज़रूर ही धोना है.


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