World Diabetes Day 2022: वो सुपर आहार, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए हैं वरदान
World Diabetes Day 2022: डायबिटीज के मरीजों की संख्या दुनिया में दूसरे नंबर पर है. पर देश में 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. 2045 तक ये आंकड़ा 27 मिलियन को पार कर जाएगा. पर याद रखें इस बीमारी का इलाज नहीं है, सिर्फ लाइफ स्टाइल से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसे में घरेलू उपाय काफी मददगार साबित हो सकते हैं.
नई दिल्ली: World diabetes day 2022: आज विश्व डायबिटीज डे है. इस दिन का लक्ष्य दुनिया को डायबिटीज के बारे में सचेत करना है. भारत की बात करें तो यहां दुनिया में चीन के बाद सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज हैं. हमारे देश में 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. 2045 तक ये आंकड़ा 27 मिलियन को पार कर जाएगा. चूंकि मधुमेह को जड़ से खत्म करने का अभी कोई इलाज नहीं है और यह ऐसी बीमारी है जिसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है तो आइये जानते हैं कि किन घरेलू नुस्खों से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रिय किया जा सकता है.
सबसे कारगर जामुन का बीज(World Diabetes Day)
डायबिटीज के मरीजों को जामुन के बीज का सेवन जरूर करना चाहिए. जामुन के बीज को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर सेवन करना चाहिए.
अंजीर के पत्ते कमाल के
शुगर कंट्रोल करने में अंजीर के पत्ते भी बेहद कारगर हैं. इन पत्तों को सुबह खाली पेट चबाना चाहिए या फिर पानी के साथ उबाकर पी लेना चाहिए.
मेथी के दाने
मेथी भी डायबिटीज की घरेलू दवा है. रात में पानी में एक चम्मच मेथी के बीज भीगा दें और सुबह बीज समेत पानी पी जाएं. पर एक बाद याद रखें कि मेथी का सेवन करने के आधे घंटे तक कोई और चीज नहीं खानी है.
जैतून का तेल
जैतून के तेल से कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिससे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल कम होता है और इससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है.
लहसुन
लहसुन खाने से कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह दोनों कम होता है. इसे भी रात में भीगो कर सुबह खाना चाहिए.
अन्य उपाय
-रोज आधा चम्मच दालचीना पाउडर का सेवन करें
-अंगूर के बीज को पीस कर चूर्ण बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं.
-एलोवेरा- एलोवेरा जूस पीने से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
-आंवला- आंवला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं.
-नीम- नीम के पत्ते चबाने और रस पीने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
डायबिटीज़ के लक्षण
टाइप-1 डायबिटीज में लक्षण बहुत तेजी से दिखते हैं, वहीं टाइप-2 में कम.
चिड़चिड़ापन, आंखों में धुंधलापन, चोट का देरी से भरना, त्वचा संक्रमण, बार-बार प्यास लगना, कई बार टॉयलेट होना, ज्यादा भूख लगना, ज्याया थकान, वजन बढ़ना या कम होना
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