नई दिल्ली: UPI आज के वक्त में मनी ट्रांजैक्शन यानी रुपयों पैसों के लेन देन का सबसे आसान और लोकप्रिय जरिया बन गया है. यूपीआई के माध्यम से आप चंद सेकेंडों के अंदर ही किसी के भी अकाउंट या मोबाइल नंबर पर पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके साथ ही यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त भी है. लेकिन जहां एक तरफ यूपीआई की मदद से हमारी सुविधाओं में विस्तार हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ कई बार हमें इसकी वजह से समस्याओं का सामना भी करना पड़ जाता है. 


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गलत अकाउंट में पैसा हो जाता है ट्रांसफर


कई बार ऐसा भी होता है जह UPI से पैसा ट्रांसफर करते वक्त हमसे कुछ चूक हो जाती है, और पैसा गलत या दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है. जिस वजह से हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है. हालांकि अगर आपने गलत या दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया है तो आप इसे कुछ उपायों के द्वारा रिकवर या वापस भी पा सकते हैं. 


हेल्पनाइन नंबर पर करें कॉल


गलत अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो जाने पर सबसे पहले इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर पर देनी चाहिए. बैंक मे फोन करके आपको गलत ट्रांजैक्शन की पूरी डिटेल देना चाहिए. इसमें सबसे जरूरी बात ये है कि अगर यूपीआई आईडी मौजूद होगा तो ही बैलेंस ट्रांसफर होगा. अगर गलत आईडी मौजूद ही नहीं होगा तो आपके अकाउंट में खुद-ब-खुद पैसे रिफंड हो जाएंगे.


बैंक में जमा करना होगा प्रूफ


अगर आपने गलत आदमी के खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया है, जिसमें अकाउंट होल्डर का नाम एक ही है तो आपको बैंक के पास इसका प्रूफ देना होगा कि आपसे यह गलती हुई है. जब आप बैंक को इसकी शिकायत करेंगे तो मेल में इसकी डिटेल जानकारी शामिल करें. अगर दो अलग-अलग बैंकों के बीच ट्रांजैक्शन किया जाता है तो बैंक आपकी जगह पर रिसीवर को संपर्क करने की कोशिश करेगा.


आपकी मदद करने की कोशिश करेगा बैंक


इंट्रा बैंक ट्रांजैक्शन के मामले में आपका बैंक रेसिपेंट से संबंधित पूरी जानकारी शेयर करेगा. बैंक के द्वारा अकाउंट होल्डर का नाम, ब्रांच, मोबाइल नंबर समेत अन्य तरह की जानकारी शेयर की जा सकती है. ऐसे मामलों में आप रिसीवर के ब्रांच में जाकर मैनेजर से बात कर सकते हैं और उनसे पैसा वपस भेजने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं. दूसरे बैंक का मैनेजर भी रिसीवर से बात करेगा और आपका पैसा वापस करने के लिए निवेदन करेगा.


सात दिनों के भीतर मिल सकता है रिफंड


अगर प्राप्तकर्ता आपके पैसे को वापस भेजने के लिए तैयार हो जाता है तो सात वर्किंग दिनों के भीतर अकाउंट पर पैसे वापस आ जाएंगे. अगर वह पैसे वापस करने को तैयार नहीं होता है तो परेशानी ज्यादा होगी. इस मामले में कानूनी राह भी चुना जा सकता है. हालांकि, कस्टमर की मंजूरी के बिना कोई भी बैंक उसके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर नहीं कर सकता है.


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