यहां लड़के-लड़कियों को साथ में बैठने से रोका तो एक-दूसरे की गोद में बैठकर लिए फोटो
लड़के-लड़कियों को साथ बैठने से रोकने के लिए कथित नैतिकता के नाम पर बस स्टॉप पर बेंच को तीन अलग-अलग सीटों में बांटने पर एक अभियांत्रिकी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने एक दूसरे की गोद में बैठ कर तस्वीरें निकलवाईं. फिर उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड किया.
नई दिल्लीः लड़के-लड़कियों को साथ बैठने से रोकने के लिए कथित नैतिकता के नाम पर बस स्टॉप पर बेंच को तीन अलग-अलग सीटों में बांटने पर एक अभियांत्रिकी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने एक दूसरे की गोद में बैठ कर तस्वीरें निकलवाईं. फिर उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड किया.
इसके बाद केरल के तिरुवनंतपुरम की महापौर ने बृहस्पतिवार को बस स्टॉप पर बैठने की लैंगिक रूप से तटस्थ व्यवस्था करने का वादा किया है.
महापौर ने बेंच काटने की आलोचना की
कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम (सीईटी) के विद्यार्थियों की तरफ से सोशल मीडिया पर तस्वीरें डाले जाने के बाद महापौर आर्या एस राजेंद्रन ने इलाके का दौरा किया. दौरा करने के बाद महापौर ने फेसबुक पर लिखा कि जिस तरह बेंच को काटकर तीन सीटों में बांट दिया गया, वह केरल जैसे प्रगतिशील समाज में न केवल ‘अनुपयुक्त’ है बल्कि ‘अशोभनीय’ भी है.
उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर कोई रोक नहीं है और जो अब भी मानते हैं कि इस पर रोक होनी चाहिए, वे अब भी पुराने जमाने में जी रहे हैं.
महापौर ने विद्यार्थियों का किया समर्थन
उन्होंने कहा, ‘कोई भी व्यक्ति ऐसे लोगों से केवल सहानुभूति रख सकता है जो अब भी नहीं समझते हैं कि समय बदल गया है.’ सीईटी के विद्यार्थियों के रुख की सराहना करते हुए राजेंद्रन ने कहा कि प्रतिक्रिया देने वाली पीढ़ी भविष्य की आस है तथा स्थानीय प्रशासन इस मामले में विद्यार्थियों के साथ है.
उन्होंने कहा कि बस स्टैंड जर्जर और अनधिकृत था एवं लोक निर्माण विभाग से उसे अनापत्ति भी नहीं मिली है, इसलिए नगर निगम आधुनिक सुविधाओं से युक्त नई लैंगिक तटस्थ सुविधा का निर्माण कराएगा.
'लोग समझें कि बदल रही है दुनिया'
माकपा की युवा शाखा डीवाईएफआई ने यह कहते हुए इस घटना पर प्रतिक्रिया दी कि जो पुरानी धारणा वाली तथाकथित नैतिक व्यवस्था थोपने का प्रयास करते हैं तथा लैंगिक न्याय में विश्वास नहीं करते, वे समाज के लिए खतरा हैं. डीवाईएफआई सचिवालय ने एक बयान में कहा कि ऐसे लोगों को यह समझने की जरूरत है कि दुनिया बदल रही है.