Solar Storm: पृथ्वी से आज टकराएगा सौर तूफान, आपके आस-पास इन चीजों पर दिखेगा असर
यह सौर तूफान बड़े स्तर पर दुनियाभर में रेडियो ब्लैकआउट पैदा कर सकता है. जिसकी वजह से सूचना के संचार में बाधा उत्पन्न हो सकती है और लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है.
नई दिल्ली: एक अंतरिक्ष मौसम विशेषज्ञ ने एक अलर्ट जारी किया है, जिसमें उन्होंने जिक्र किया है कि आज यानी 19 जुलाई को एक सौर तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है. या सौर तूफान सूर्य की सतह से फूटा था और यह बहुत तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) ने भी इसे लेकर अलर्ट जारी किया है.
अंतरिक्ष मौसम विशेषज्ञ डॉ. तमिथा स्कोव ने हाल ही में ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की है. जिसमें उन्होंने कहा, "नया क्षेत्र 3058 एम 2.9-फ्लेयर फायर करता है. यह अब एक्स-फैक्टर के साथ सूर्य पर चौथा क्षेत्र है. एनओएए ने एक्स-फ्लेयर होने वाले जोखिम को 10 फीसदी बताया है, लेकिन यह जल्द ही बढ़ सकता है."
इस सौर तूफान का दिखेगा ये प्रभाव
डॉ स्कोव ने पृथ्वी की तरफ बढ़ रहे सौर तूफान को लेकर चिंता जाहिर की है. उनका कहन है कि 'अधिक रेडियो ब्लैकआउट से पृथ्वी पर दिन में रेडियो संचालन को प्रभावित करने की संभावना है. जीपीएस उपयोगकर्ता सुबह और शाम के समय सतर्क रहें.' जिसका अर्थ यह है कि इस सौर तूफान से पृथ्वी पर जीपीएस नेविगेशन सिस्टम के ब्लैकआउट होने की आशंका है. यह छोटे विमानों के साथ बड़े जहाजों की हवाई यात्रा को प्रभावित कर सकता है.'
यह सौर तूफान बड़े स्तर पर दुनियाभर में रेडियो ब्लैकआउट पैदा कर सकता है. जिसकी वजह से सूचना के संचार में बाधा उत्पन्न हो सकती है और लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है.
जानिए क्या हैं ये सोलर फ्लेयर्स?
सोलर फ्लेयर्स एक तरीके का विस्फोट है, जिससे कि बड़ी विफोतक घटनाएं जन्म ले सकती हैं. अंतरिक्ष संबंधी ज्ञान में एक्सपर्ट संस्थान नासा की इसपर राय देखें, तो 'सोलर फ्लेयर्स सनस्पॉट से जुड़ी चुंबकीय ऊर्जा के रिलीज होने से आने वाले विकिरण का एक तीव्र विस्फोट है. सोलर फ्लेयर्स हमारे सौर मंडल की सबसे बड़ी विस्फोटक घटनाएं हैं. इसे सूर्य पर उज्ज्वल क्षेत्रों के रूप में देखा जाता है और वे मिनटों से घंटों तक रह सकते हैं.'
सोलर फ्लेयर्स के अबतक हुए सबसे शक्तिशाली विस्फोट से भी अधिक विस्फोटक होने की आशंका जताई जा रही है. इसका विस्फोट अरबों हाइड्रोजन बमों के विस्फोट से भी अधिक प्रभावी हो सकता है, वैज्ञानिक ऐसी आशंका जता रहे हैं.
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