नई दिल्ली: अबतक एंटी बैलिस्टिक मिसाइलों (Anti balistic missile) को दुनिया का सबसे घातक हथियार माना जा रहा था क्योंकि एटमी हथियार (Atom Bomb) ले जाने में सक्षम ये मिसाइलें एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक मार करने की क्षमता रखती हैं. लेकिन अब अमेरिका (America) ने एक ऐसे हथियार का सफल परीक्षण किया है जो अंतरिक्ष में ही एंटी बैलिस्टिक मिसाइल को मार गिराएगा. 


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अमेरिका ने टेस्ट किया अपना ब्रह्मास्त्र
अमेरिका ने इस ब्रह्मास्त्र का नाम SM-3 Block IIA इंटरसेप्टर मिसाइल रखा है. इसकी टेस्टिंग के लिए उत्तरी प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में मार्शल द्वीप से एक एंटी बैलिस्टिक मिसाइल को छोड़ा गया. फिर हवाई के पास अमेरिका के एक जंबो एंटी शिप से इंटरसेप्टर को छोड़ा गया. अमेरिका के डिफेंस सिस्टम का ब्रह्मास्त्र कहे जाने वाले इंटरसेप्टर ने अंतरिक्ष में ही एंटी बैलिस्टिक मिसाइल के टुकड़े-टुकड़े कर दिये और चारों तरफ आग ही आग फैल गई. 



अमेरिका अभी तक अलास्का और कैलिफोर्निया में तैनात किए गए ज़मीन आधारित लॉन्चर की मदद से दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करता था. लेकिन अब इंटरसेप्टर की सफल टेस्टिंग के बाद अमेरिका कहीं से भी दुश्मन की मिसाइलों को राख कर सकता है. 


एंटी बैलिस्टिक मिसाइल को मार गिराने वाली SM-3 Block IIA मिसाइल को अमेरिका की कंपनी रेथियान और जापान की मित्सुबिसि ने मिलकर बनाया है।


चीन को जवाब देने के लिए अमेरिका ने की तैयारी 
कुछ दिन पहले चीन ने साउथ चाइना सी में दो एंटीशिप को लंबी दूरी की मिसाइलों से उड़ा दिया था. चीन ने DF-26 B और DF-21 D  मिसाइलों को दूर दराज के दो अलग-अलग राज्यों से छोड़ा था और दोनों ने सटीक निशाना लगाते हुए साउथ चाइना सी में टारगेट को 100 फीसदी हिट किया था. 


उसी के बाद से अमेरिका को चीन की ये चाल खटक रही थी. लेकिन जब चीन के दोस्त उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका तक मार करने वाली एंटी बैलिस्टिक मिसाइल के टेस्ट की तैयारी कर ली तो पेंटागन इंटरसेप्टर मिसाइल के टेस्ट को तेज गति से आगे बढ़ाया. 


अब SM-3 Block IIA इंटरसेप्टर मिसाइल के सफल टेस्ट ने जहां अमेरिका और उसके दोस्तों की आंखों में चमक पैदा कर दी है. वहीं अमेरिका के दुश्मनों चीन- पाकिस्तान और रूस खौफ के मारे दहशत में आ गए हैं. 


सबसे बड़ी बात ये है कि अमेरिका इस इंटरसेप्टर डिफेंस सिस्टम को किसी भी बड़े एंटी शिप और दुश्मन देश के पास लगा सकता है. मतलब साफ है कि अमेरिका और उसके मित्र देशों को जो भी आंख दिखाएगा अब उसकी बर्बादी तय है.


ऐसे दुश्मनों को तबाह करेगा अमेरिका का डिफेंस इंटरसेप्टर 
जब कोई दुश्मन देश एंटी बैलिस्टिक मिसाइल छोड़ता है तो सैटेलाइट के जरिए उसकी टारगेट और और ट्रैजेक्टरी देखी जाती है.  फिर टारगेट फिक्स करने के बाद इंटरसेप्टर से मिसाइल दागी जाती है. अमेरिका ने 16 नवंबर को को पहली बार इंटरसेप्टर का सफल परीक्षण किया और हनोई के आसमान पर अंतरिक्ष में टारगेट को मार गिराया. 



इंटरसेप्टर के एक बार के टेस्ट में 25 करोड़ डॉलर का खर्चा आया है. फिलहाल एंटी कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता हासिल करने की रेस में अमेरिका शीत युद्ध के जानी दुश्मन रूस से आगे निकल गया है क्योंकि रूस का अपना डिफेंस सिस्टम S-500 अभी टेस्टिंग स्टेज में है.


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