नई दिल्ली:  यूक्रेन की जेल में बंद कैदियों को आजाद होने का मौका दिया जा रहा है, हालांकि उन्हें ये आजादी मुफ्त में बिल्कुल भी नसीब नहीं होने वाली है. इसके लिए उन्हें अपनी जान की बाजी लगानी पड़ सकती है. बता दें कि यूक्रेन अपने कैदियों को रूस के साथ युद्ध करने की शर्त पर रिहा करने वाला है. इसके लिए भर्ती भी शुरू हो गई है. 


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फौज में शामिल होंगे कैदी 
न्यूज एजेंसी 'AP न्यूज' की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनियन जेल में बंद बलात्कार, यौन उत्पीड़न, दो या दो से ज्यादा लोगों की हत्या करने वाले लोग यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ अपराध के दोषी पात्र नहीं हैं. इन्हें सेना में भर्ती किया जा सकता है.  साउथईस्ट यूक्रेन के 'निप्रॉपेट्रोस दंड कॉलोनी' में बंद इन अपराधियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है. इसको लेकर भर्ती करने वाले एक व्यक्ति ने कहा,' आप सबकुछ खत्म करके एक बार फिर अपना नया जीवन शुरू कर सकते हैं. इसके लिए सबसे जरूरी है आपकी हिम्मत, क्योंकि आप अपनी मातृभूमि को बचाने जा रहे हैं. इसमें आपको 50 प्रतिशत पर सफलता नहीं मिलने वाली है. इसके लिए आपको अपना पूरा 100 प्रतिशत देना होगा.' 


यूक्रेनी सेना में आई कमी 
पिछले 2 सालों से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण यूक्रेन को सेना में लोगों की काफी कमी का सामना करना पड़ा रहा है. इसके चलते वे अपने जेल में बंद आबादी को फौज में भर्ती होने की पेशकश कर रहे हैं. यूक्रेन की डेप्यूटी जस्टिस मिनिस्टर ओलेना व्यसोत्सका ने अपने एक बयान में बताया कि अबतक 3,000 कैदियों को सेना में भर्ती के लिए पैरोल पर भेज दिया गया है. 


छुपाई जाती है सैनिकों की पहचान 
बता दें कि सुरक्षा कारणों के चलते ड्यूटी पर तैनात यूक्रेनी सैनिकों को आमतौर पर केवल उनके कॉल साइन या पहले नाम से ही पहचाना जाता है. 'निप्रॉपेट्रोस दंड कॉलोनी'  के कई कैदियों को भी भर्ती होने पर परेशानी से बचने के लिए केवल उनके पहले नाम से ही पहचाना जाएगा. जेल में बंद कई सारे यूक्रेनी कैदी अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए फौज में भर्ती होने के लिए तैयार हैं.   


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