नई दिल्ली:  Bangladesh Politicial Crisis: बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ ने के बाद से मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने वहां की कमान संभाली हुई है. ऐसा लगा था कि यह सरकार कुछ दिनों तक काम करेगी और उसके बाद वापस से देशभर में चुनाव होंगे. वहीं खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) भी इसमें अपने के ल‍िए रास्‍ता देख रही थी, हालांकि अब शायद पासा पलटने वाला है. जिस तरह से वहां की अंतरिम सरकार बांग्लादेश में अपने जड़ें फैला रही है उससे खालिदा जिया के लिए सत्ता में वापस पहुंच बनाना मुश्किल हो सकता है. 


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क्या कहता है सर्वे? 
बांग्लादेशी मीडिया में पब्लिश 'BRAC इंस्‍टीट्यूट' की ओर से किए गए एक सर्वे में दावा किया जा रहा है कि देश की 80 प्रतिशत आबादी अंतरिम सरकार के काम से संतुष्ट है और चाहती है कि यही सरकार सत्ता में आगे तक बनी रहे. 'द डेली स्टार' की एक रिपोर्ट के मुताबिक BNP महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर कहा कहना है कि जनता लंबे सम तक अंतरिम सरकार को बर्दाश्त नहीं करेगी. मुझे नहीं पता कि ये सर्वे कब किया गया और किसने किया, लेकिन बांग्लादेश के लोग ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते हैं. 


यूनुस सरकार से खुश जनता 
BNP महासचिव ने कहा,' मेरा मानना है कि ऐसी बातें कहते या रिपोर्ट करते वक्त काफी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है. इस तरह की रिपोर्ट को सोच समझकर ही पब्लिश किया जाना चाहिए.' बता दें कि खालिदा जिया की पार्टी डरी हुई है कि आखिर मुहम्मद यूनुस की पार्टी सत्ता न छोड़े तो क्या होगा. पिछले 10 दिनों से बांग्लादेश में कई ताकतवर लॉबी यह फैला रही है कि यूनुस सरकार सत्ता से नहीं जाने वाली है. जनता को उनका काम पसंद आ रहा है. अगर यह सरकार जनता को रास आती है तो इसे बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.


BNP की डिमांड
बता दें कि BNP की डिमांड है कि बांग्लादेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाया जाए. देश में एक चुनी हुई सरकार बने और जनप्रतिनिधि फैसला ले कि कौन-कौन से सुधार जरूरी हैं. फखरुल इस्लाम ने कहा,' मुझे बेबहद आश्चर्य लगता है जब मैं देखता हूं कि कुछ हाई प्रोफाइल लोग, जो समाज में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं ऐसा भ्रामक बयान देते हैं. मैं इस बात से हैरान हूं कि इस सरकार की ओर से जिन लोगों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है उनमें से कुछ नई पार्टी के गठन की बात कर रहे हैं.  उन्हें यह अधिकार कौन दे रहा है? उन्हें नई पार्टी बनाने का जनादेश कहां से मिला?. अब हम लोग कैसे यकीन करें कि वे निष्पक्ष होकर काम कर रहे हैं?


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