वसुधैव कुटुम्बकम्... शेख हसीना ही नहीं, भारत ने दुनिया के इन नेताओं को भी दी है शरण!
Sheikh Hasina News: शेख हसीना को भारत ने शरण दे दी है. वे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं. हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब भारत ने दुनिया के किसी नेता को शरण दी है. इससे पहले भी कई नेताओं को यहां पर पनाह मिल चुकी है.
नई दिल्ली: Sheikh Hasina News: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को भारत में शरण मिल गई है. वे ब्रिटेन जाना चाहती थीं, लेकिन वहां की सरकार से मंजूरी न मिलने के कारण अगले कुछ दिनों तक वे भारत में ही रह सकती हैं. बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना ने PM पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत आ गई हैं. हालांकि, ये पहली बार नहीं है, जब भारत ने किसी नेता को शरण दी है. आइए, जानते हैं कि भारत ने दुनिया के किन नेताओं को शरण दी है?
इन बड़े नेताओं को भारत में मिली शरण
दलाई लामा (1959)
ये तिब्बत के आध्यात्मिक नेता हैं. जवाहरलाल नेहरू की सरकार में उन्हें 30 मार्च, 1959 को शरण दी गई थी. जब चीनी सेना ने तिब्बत पर कब्जा किया, तब दलाई लामा की जान पर खतरा था और भारत ने उन्हें शरण दी. उन्हें हिमाचल प्रदेश की एक धर्मशाला में शरण दी गई थी. वे आज भी यहां रहते हैं.
शेख हसीना (1981)
शेख हसीना को भारत ने पहले भी भी शरण दी थी, जब उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की बांग्लादेश में हत्या हो गई थी. तब मुजीबुर बांगलादेश के प्रधानमंत्री हुआ करते थे. उनके परिवार के 18 सदस्यों की हत्या हुई. 1981 में शेख हसीना को भारत में शरण मिली, वे 6 साल के लिए यहां रहीं.
वर्धराज पेरुमल (1989)
श्रीलंका की पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (EPRLF) के नेता और उत्तर-पूर्वी प्रांत के मुख्यमंत्री रहे वर्धराज पेरुमल को 1989 में भारत में शरण मिली. उन्होंने अपने प्रांत में स्वायत्तता की घोषणा कर दी. श्रीलंका की सेना ने उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाही. तब वर्धराज पेरुमल ने भारत से मदद मांगी. उन्हें और उनके 200 समर्थकों को यहां शरण मिली.
मोहम्मद नशीद (2013)
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के खिलाफ मालदीव की एक अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया था. तब उन्होंने भारतीय उच्चायोग में शरण मांगी. इसके बाद वे भारत में रहे थे.
अहमद अदीब अब्दुल गफूर (2019)
मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफूर को भी भारत ने शरण दी थी. लेकिन जैसे ही भारतीय अधिकारियों ने उन्हें वापस अपने देश भेजा, तो मालदीव की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
अब्दुल्ला अब्दुल्ला (2022)
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुलह के उच्च परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला को भी भारत में शरण मिली है. उन्हें फरवरी 2022 में तालिबान ने नजरबंद कर दिया था. फिर 4 मई, 2022 को, उन्हें परिवार सहित भारत जाने की अनुमति मिली. वे 6 हफ्ते तक भारत में रहे.
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