मॉस्को: रूस की सैन्य ताकत में इजाफा करने वाली दुनिया की सबसे लंबी पनडुब्बी 'बेलगोरोड' नौसेना को मिल गई है, जो समुद्र में 1700 फीट की गहराई तक गोता लगाने में सक्षण है. इतनी गहराई पर केवल कुछ ही देशों की पनडुब्बियां जा सकती हैं. वहीं इस पनडुब्बी में न्यूक्लियर टारपीडो ड्रोन होंगे. इन ड्रोन के हमले से समंदर में रेडियोएक्टिव सूनामी आ सकती है. 


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क्या है बेलगोरोड की ताकत
इसके पास सबसे बड़ा हथियारों का कंपार्टमेंट है
यह पनडुब्बी मिनी सबमरीन लांच कर सकती हैं
इसमें एक एक्ट्रा न्यूक्लियर टर्बाइन जेनरेटर है, जिसकी लंबाई 45 फीट है
इसमें मौजूद सबमरीन ड्रोन की लंबाई 20 फीट और रेंज 27 मील है
न्यूक्लियर टारपीडो की लंबाई 79 फीट और रफ्तार 70 नॉट होगी. दो मेगाटन का इसमें वॉरहेड होता है


बेहद मददगार है ये हथियार
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शुक्रवार को एक समारोह में नौसेना के कमांडर-इन-चीफ निकोले येवमेनोव के हवाले से कहा कि पनडुब्बी रूस के विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यो को लागू करने और महासागरों के दूरदराज के क्षेत्रों में चलाए जाने वाले बचाव अभियान में बेहद मददगार है. परमाणु ऊर्जा से चलने वाले 'बेलगोरोड' को अप्रैल 2019 में मंगाया गया था और 2020 में नौसेना को दिए जाने की योजना थी.


दो और पनडुब्बियां मिलेंगी
ऐसी दो और पनडुब्बियों को 2027 तक रूसी सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा. बेलगोरोड पनडुब्बी की रफ्तार 80 मील प्रति घंटा है. यह अंडरवाटर इंटेलिजेंस एजेंसी की तरह रूस के लिए काम करेगी.

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