नई दिल्ली. पृथ्वी के अंदर चल रहे इतने सारे हमले कम थे क्या जो एक बाहर से भी आ गया? सारी दुनिया घिरी हुई है वायरस के हमले से और अब दुनिया के बाहर से एक दूसरा हमला हो रहा है जो हर पल पृथ्वी के करीब और करीब आता जा रहा है. क्या ये साल दुनिया के लिए अशुभ है कि एक के बाद एक बड़े खतरों से घिरी हुई है दुनिया. अभी एक माह पहले ही 29 अप्रेल को एक एस्टेरोइड पृथ्वी को नुक्सान पहुंचाने में नाकाम रहा अब आ रहा है दूसरा मेटेरोइड. 


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नासा ने जारी किया अलर्ट 


अमेरिकन अंतरिक्ष अनुसन्धान एजेंसी नासा ने जारी किया है यह अलर्ट. इस अलर्ट के अनुसार धरती की तरफ तेजी से चला आ रहा है एक उल्का पिंड जिसकी लम्बाई चौड़ाई आधा किलोमीटर के बराबर है और यह 5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ़्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है. 


छह जून को दाखिल होगा धरती की कक्षा में 


अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन स्थित नासा जारी किये अपने अलर्ट से दुनिया को आगाह किया है ये जानते हुए भी कि कोई कुछ नहीं कर सकता और इस घटना को होने से सिर्फ धरती का भाग्य ही बचा सकता है. अलर्ट के अनुसार 11,200 मील प्रति घंटा तेजी से पृथ्वी की तरफ आ रहा यह उल्का पिंड न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग से भी बड़ा है जो कि 6 जून को धरती की कक्षा में दाखिल होने वाला है. 


रॉक-163348 (2002 NN4) नाम है उल्का पिंड का 


दुनिया को नुकसान पहुँचाने की नीयत वाले इस उल्का पिंड का नाम नासा ने रॉक-163348 (2002 NN4) रखा है. नासा ने कहा है कि डरने की बात नहीं है क्योंकि उसे उम्मीद है कि ये उल्का पिंड धरती के बहुत करीब से होता हुआ गुजर जाएगा. नासा ने बताया कि यह उल्का पिंड सूर्य के पास से हो कर चलता हुआ धरती की कक्षा में प्रवेश करने जा रहा है. इसके पहले अभी ग्यारह दिन पहले ही 21 मई को भी 1.5 किलोमीटर बड़ा उल्का पिंड धरती के बहुत पास से गुजरा था.ॉ


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