नई दिल्ली. चीन की अर्थव्यवस्था लगभग हर देश से जुडी हुई है. ऐसे में उसका टूट कर बिखर जाना हर देश के लिए बुरी तरफ नुकसानदेह साबित हो सकता है. और तो और इससे पैदा होने वाली मंदी सिर्फ चीन का नुकसान नहीं करेगी बल्कि अपनी परिधि में सारी दुनिया को लेकर बहुत कष्टकारी चित्र प्रस्तुत करेगी. इसलिए बेहतर है कि दुनिया पहले से सचेत हो जाये.


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आपात बैठक में बुला कर त्वरित कदम उठाये जाएं 


दुनिया के सभी बड़े देश जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपना बड़ा योगदान देते हैं, तुरंत एक मंच पर आएं और एक आपात मीटिंग के ज़रिये तुरंत भावी आर्थिक परिस्थितियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करें. ज़ाहिर है आईएमएफ, अमरीका, भारत, रूस, कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी आदि देशों की ज़िम्मेदारी बढ़ जायेगी लेकिन अब सबको मिल कर वैश्विक-आर्थिक-कार्रवाई करनी होगी. 


अब भारत पर भारी जिम्मेदारी 


भारत को उठाना होगा अब सबसे ज़रूरी कदम.  दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातंत्र भारत चीन के बाद दुनिया के मानचित्र पर सबसे बड़ा देश है. इस देश को लड़खड़ाते चीन के गिर जाने से पहले उसकी भूमिका को दुनियावी स्तर पर सम्हालना होगा जिससे एक तरफ तो वैश्विक मंदी को रोकने में भारत का यह बड़ा योगदान होगा, दूसरी तरफ भारत का वैश्विक व्यवसाय भी दसियों गुना बढ़ सकता है, जिसके लिहाज से भी यही सही वक्त है. 



 


आईएमएफ ने जारी किया अलर्ट 


आईएमएफ अर्थात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टालीना जॉर्जीवा ने कल 23 फरवरी को एक बयान जारी करके दुनिया को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की गति परेशानी में पड़ सकती है। उन्होंने जी-20 देशों के वित्तमंत्रियों तथा केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की यहां चल रही बैठक के दूसरे दिन. दूसरे शब्दों में कहीं तो आईएमएफ के अनुसार वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में अनुमानित सुधार अब और नाजुक मुकाम पर पहुँच गया है. 



 


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