नई दिल्ली. इंसानों की चमड़ी का रंग गोरा, काला, सांवला या गेहूंआ होता है. और खून का रंग लाल होता है. लेकिन अगर आपको पता चले कि इस दुनिया में एक ऐसा परिवार भी रहता है जिसकी चमड़ी का रंग का नीला और खून का रंग भूरा था, तो क्या आप आसानी से यकीन मानेंगे. जी हां ये सच है. अमेरिका में स्थित पेरी काउंटी, केंटकी इलाके में एक ऐसा परिवार भी है जिसके कुछ सदस्यों की चमड़ी का रंग नीला और खून का रंग नीला है. 


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नीला चमड़ी, भूरा खून


अमेरिका में स्थित पेरी काउंटी, केंटकी इलाके में रहने वाले मार्टिन को एक ऐसी ही अनुवांशिकी बीमारी है जिसकी वजह से उनकी चमड़ी का रंग नीला और खून का रंग भूरा है. मार्टिन मेथेमोग्लोबिनेमिया नामक एक ऐसे अनुवांशिक डिसॉर्डर से ग्रसित हैं जिसकी वजह से उनकी चमड़ी का रंग नीले और खून का रंग भूरे रंग का हो गया है. 


यह डिसॉर्डर काफी दुर्लभ है और पूरी दुनिया में केवल 0.035 फीसदी ही आबादी ही इससे ग्रसित है. 


इस बीमारी में शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई सही से नहीं हो पाती है. ऑक्सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण रक्त भूरा हो जाता है और इस वजह से चमड़ी का रंग नीला और होंठो का रंग बैंगनी रंग का हो जाता है. 


क्यों हुआ यह डिसॉर्डर


ऐसा माना जाता है कि इस तरह का अनुवांशिक डिसॉर्डर अपने ही परिवार या खून के रिश्तों में शादी करने के कारण आता है. यह कहानी 1820 से शुरू होती है. मार्टिन और एलिजाबेथ दोनों में रिसेसिव जीन था जो मेथेमोग्लोबिनेमिया का कारण बनता है, और उनके सात बच्चों में से चार नीली त्वचा के साथ पैदा हुए थे. मार्टिन और उनका परिवार पेरी काउंटी, केंटकी के दूर दराज के इलाकों में रहता है. जिस वजह से वहां पर ज्यादा लोगों का विकल्प ना होने पर वे अपने ही परिवार में शादियां करते हैं. मार्टिन ने भी अपनी मौसी से शादी की है और उनके बच्चों की शादियां भी उनके ही परिवार में हुई हैं.



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