ढाका. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने की अपील की है. उन्होंने बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हो रही क्रांति (सरकार के खिलाफ प्रदर्शन) को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को भारत से कहा कि हसीना को प्रत्यर्पित किया जाए ताकि उन पर मुकदमा चलाया जा सके.


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5 अगस्त को दिया था इस्तीफा
शेख हसीना (76) ने बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों और अन्य लोगों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं. अब फखरुल ने कहा है-हमारी आपसे मांग है कि आपको उन्हें कानूनी तरीके से बांग्लादेश की सरकार के हवाले कर देना चाहिए. इस देश की जनता ने उन पर मुकदमे का फैसला किया है. उन पर मुकदमा चलने दें.


शेख हसीना को बताया फासीवादी
बता दें कि फखरुल इस्लाम को बेगम खालिदा जिया के परिवार का नजदीकी माना जाता है. पूर्व राष्ट्रपति और BNP संस्थापक जिया-उर-रहमान की कब्र पर पुष्पचक्र चढ़ाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में फखरुल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भारत उन्हें शरण देकर लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता नहीं निभा रहा है. उन्होंने कहा कि फासीवादी अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना छात्रों के नेतृत्व में हो रही क्रांति के दौर में देश छोड़कर चली गईं.


फखरुल ने कहा-दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पड़ोसी देश ने उन्हें शरण दी है. वहां रहते हुए उन्होंने बांग्लादेश में हुई क्रांति को विफल करने की अनेक साजिश रची हैं. बता दें कि भारत ने कहा है कि वह एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश का समर्थन करता है.


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