भारतीय वायुसेना छोड़ बने संत, नाम पड़ा 'पायलट बाबा'...86 की उम्र में छोड़ी दुनिया, मिले थे 'अश्वत्थामा'!

Pilot Baba who met ashwatthama: जूना अखाड़े के आध्यात्मिक नेता पायलट बाबा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. वे अपनी खास समाधि अभ्यास के लिए जाने जाते थे. उन्होंने दावा किया था कि उनकी मुलाकात 'महाभारत' के बड़े और महान पात्रों से हुई थी.  

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Aug 20, 2024, 08:22 PM IST
  • कौन हैं पायलट बाबा?
  • पायलट बाबा ने किया था बड़ा दावा
भारतीय वायुसेना छोड़ बने संत, नाम पड़ा 'पायलट बाबा'...86 की उम्र में छोड़ी दुनिया, मिले थे 'अश्वत्थामा'!

Pilot Baba dies at 86 age:  आध्यात्मिक गुरु और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर 'पायलट बाबा' का 86 साल की उम्र में निधन हो गया. पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे संत ने दिल्ली के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया जाएगा। पायलट बाबा का असली नाम कपिल सिंह था। वे भारतीय वायुसेना (IAF) में विंग कमांडर थे. इसी उपाधि के कारण बाद में उन्हें 'पायलट बाबा' का नाम दिया गया. वे पाकिस्तान के साथ दो युद्धों में लड़ाकू पायलट थे. इसके बाद उन्होंने दुनियादारी को त्याग दिया और संत बन गए.

पायलट बाबा के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में उनके निधन की घोषणा की गई, जिसमें कहा गया, 'ओम नमो नारायण, भारी मन और हमारे प्रिय गुरुदेव के प्रति गहरी श्रद्धा के साथ, दुनिया भर के सभी शिष्यों, भक्तों को सूचित किया जाता है कि हमारे पूज्य गुरुदेव महायोगी पायलट बाबाजी ने महासमाधि ले ली है. उन्होंने आज अपना नश्वर शरीर त्याग दिया है. यह सभी के लिए अपने घरों में शांत रहने और प्रार्थना करने का क्षण है. कृपया अराजकता और चिंता पैदा न करें. यह शांत रहने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का क्षण है. आगे के निर्देशों के अनुसार सभी को सूचित किया जाएगा. नमो नारायण.'

पायलट बाबा का बड़ा दावा
पायलट बाबा ने दावा किया कि वे हिंदू महाकाव्य 'महाभारत' के महान योद्धा अश्वत्थामा से मिले थे, जो उनके अनुसार हिमालय की तलहटी में जनजातियों के बीच रह रहे थे. उन्होंने कई किताबें लिखीं, जिनमें 'Unveils Mystery of Himalaya (Part 1)' और 'Discover Secret of The Himalaya (Part 2)' शामिल हैं, जहां उन्होंने हिमालय में अपनी 16 साल की तपस्या के दौरान अपने अनुभव साझा किए. उनकी वेबसाइट के अनुसार, इन कार्यों में महावतार बाबाजी, अश्वत्थामा और कृपाचार्य जैसे प्राचीन व्यक्तियों के साथ उनकी बातचीत का पता चलता है और समाधि के पवित्र और गुप्त विज्ञान पर चर्चा की गई है.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Mahayogi Pilot Baba (@pilotbabaji)

ये भी पढ़ें- Bharat Bandh on 21 August: कल क्यों रहेगा भारत बंद? जानें- किसने किया आह्वान और अन्य सभी जानकारी

कौन हैं पायलट बाबा?
बिहार के सासाराम में जन्मे पायलट बाबा ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद 1957 में वायुसेना में शामिल हुए. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 1965 के युद्ध के दौरान, उन्होंने पाकिस्तानी शहरों के ऊपर कम ऊंचाई पर अपने ग्नैट विमान को उड़ाने के लिए कुख्याति प्राप्त की. हालांकि, 1971 के युद्ध के दौरान कुछ कारणों से उनका करियर संकट में पड़ गया, जिसके बाद उन्होंने वायुसेना छोड़ दी, सात साल तक हिमालय की यात्रा की और आखिरकार उन्होंने अपने गुरु को पाया.

एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, ग्वालियर के विजयराजे सिंधिया द्वारा सोमनाथ गिरि नाम दिए गए पायलट बाबा समाधि की अपनी अनूठी प्रथा के लिए प्रसिद्ध थे. कहा गया कि उन्होंने 1976 से अब तक 110 से अधिक समाधि ली. इस दुर्लभ क्षमता ने उन्हें अर्ध कुंभ में साधुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना दिया. उनके जापान से लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका तक के अनुयायी हैं.

ये भी पढ़ें- Bharat Bandh tomorrow: क्या 21 अगस्त को स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे? घर से बाहर निकलने से पहले पढ़ें बड़ा अपडेट

 

ट्रेंडिंग न्यूज़