नई दिल्ली: आसमान छू रही प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार का विदेश से प्याज आयात करने का फॉर्मूला भी फ्लॉप हो गया है. प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए अफगानिस्तान और तुर्की से आयात की गई प्याज का स्वाद लोगो को बिलकुल भी पसंद नहीं आ रहा है. सम्भल की मंडियों में अफगानी और तुर्की की प्याज के प्रति लोगो की बेरुखी का आलम यह है कि विदेशी प्याज को 30 रुपए किलो में भाव के खरीददार भी नहीं मिल रहे हैं.


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प्याज के कारोबारियों और रेस्तरॉ संचालकों की मांग है कि सरकार विदेशों से प्याज आयात करने की योजना को छोड़ देशी प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने का प्रयास करे. 


स्वाद में कड़वापन बिगाड़ रहा है डिश का मजा


सम्भल की मंडियों में प्याज के आढ़तियों की माने तो अफगानिस्तान और तुर्की से आयात की गई प्याज के प्रति लोगो की बेरुखी की वजह प्याज का साईज में काफी बड़ा होना है. वहीं देशी प्याज की अपेक्षा विदेशी प्याज के स्वाद में कड़वापन है, जिसकी वजह से प्याज के शौकीन लोग विदेशी प्याज को बिल्कुल भी पसंद नहीं कर रहे हैं. प्याज के शौकीन लोगो की विदेशी प्याज किस कद्र पसंद नहीं आ रहा है वह इस बात से समझ सकते हैं कि अफगानी और तुर्की की प्याज को 30 रुपए किलो का भाव भी नहीं मिल रहा है.


कारोबारियों ने सरकार से कहा देशी प्याज की कीमतें कम करें


हालंकि विदेशी प्याज की कीमत काफी कम होने के चलते होटल और रेस्तरॉ में देशी प्याज की जगह अफगानी और तुर्की की प्याज इस्तेमाल की जा रही है, लेकिन होटल और रेस्तरॉ संचालकों की मानें तो होटल में मंगाए जाने वाले प्याज के शौकीन ग्राहकों को विदेशी प्याज का जायका पसंद नहीं आ रहा है. प्याज के कारोबारियों, आढ़तियों और रेस्तरॉ संचालकों की मांग है कि सरकार विदेशों से प्याज आयात करने की योजना को छोड़ देशी प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने का प्रयास करे.