मुंबई हमले के दोषी आतंकी साजिद मीर का मददगार बन रहा चीन, ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने में लगाया रोड़ा
चीन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में अवरुद्ध कर दिया है. चार महीनों में बीजिंग का यह तीसरा ऐसा कदम है.
संयुक्त राष्ट्र: चीन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में अवरुद्ध कर दिया है. चार महीनों में बीजिंग का यह तीसरा ऐसा कदम है. मीर भारत के वांछित आतंकवादियों में से एक है और 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है.
भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है साजिद मीर
ऐसी जानकारी है कि बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के तौर पर मीर को काली सूची में डालने के अमेरिका के प्रस्ताव पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी. भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. इसके तहत मीर की संपत्तियों को कुर्क करने और उस पर यात्रा तथा शस्त्र प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है.
मीर भारत का सबसे वांछित आतंकवादी है और अमेरिका ने 26/11 मुंबई हमलों में उसकी भूमिका के लिए उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा है. इस साल जून में उसे पाकिस्तान में आतंकवाद रोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में 15 साल से अधिक की जेल की सजा सुनायी थी. पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने पहले दावा किया था कि मीर की मौत हो गयी है लेकिन पश्चिमी देश इससे आश्वस्त नहीं हुए तथा उन्होंने उसकी मौत का सबूत मांगा था.
कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रह चुका है मीर
पिछले साल पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के आतंकवादियों पर कार्रवाई पर पाकिस्तान की प्रगति में यह एक बहुत बड़ा मसला बन गया था. अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, ‘‘मीर हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों का संचालक था, उसने साजिश, तैयारी और हमले में एक अहम भूमिका निभायी.’’
पिछले महीने चीन ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के भाई और पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन में शामिल अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका तथा भारत के एक प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में रोक दिया था. अब्दुल रऊफ अजहर का जन्म पाकिस्तान में 1974 में हुआ और अमेरिका ने दिसंबर 2010 में उसे प्रतिबंधित किया था. पाकिस्तान का सहयोगी चीन संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तानी आतंकवादियों को काली सूची में डालने की राह में बार-बार रोड़े अटकाता रहा है.
एक और आतंकी को ब्लैकलिस्ट में डालने के प्रस्ताव को ठुकरा चुका है चीन
चीन ने इस साल जून में पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को ऐन मौके पर अवरुद्ध कर दिया था. अमेरिका ने मक्की को आतंकवादी सूची में डाल रखा है. मक्की हाफिज सईद का रिश्तेदार है. अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि मीर तकरीबन 2001 से लश्कर का वरिष्ठ सदस्य है.
वह 2006 से 2011 तक लश्कर की विदेशी गतिविधियों का प्रभारी रहा और उसने समूह के इशारे पर कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया. इसके अलावा उसने 2008 और 2009 के बीच डेनमार्क में एक अखबार तथा उसके कर्मचारियों के खिलाफ आतंकवादी हमले की कथित तौर पर साजिश रची थी.
मुंबई हमलों में भूमिका के लिए मीर पर अप्रैल 2011 में अमेरिका में मुकदमा चलाया गया. अमेरिका के वित्त विभाग ने अगस्त 2012 में मीर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डाल दिया था. विदेश विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, ‘‘मीर एफबीआई की सबसे वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल है. ऐसा माना जाता है कि वह पाकिस्तान में रहता है.’’
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