नई दिल्लीः चीन ने कहा है कि रसायनों के माध्यम से (कृत्रिम) बारिश कराकर वह फसलों को भयंकर सूखे से बचाने का प्रयास करेगा. इस बीच कारखानों में रविवार को इस बात का इंतजार रहा कि पनबिजली उत्पादन के वास्ते पानी की कमी के कारण उन्हें कहीं अपना परिचालन एक और हफ्ते के लिए बंद न करना पड़े.


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61 साल में सबसे भीषण गर्मी
पिछले 61 साल में इस बार सबसे अधिक भीषण गर्मी के कारण चीन में फसलें मुरझा गई हैं तथा जलाशयों में पानी घटकर आधा रह गया है. सिचुआन प्रांत में घरों के वास्ते पानी बचाने के लिए पिछले हफ्ते कारखाने बंद कर दिए गए थे, क्योंकि पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के साथ ही वातानुकूलन की मांग बहुत बढ़ गई है. 


बता दें कि चीन में 61 साल पहले वर्षा और तापमान का रिकॉर्ड रखना शुरू किया गया था. 


'अगले 10 दिन हैं अहम'
अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, कृषि मंत्री तांग रेनजियान ने कहा कि अगले 10 दिन दक्षिणी चीन में धान की फसल का ‘नुकसान रोकने के लिए अहम अवधि’ है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ‘शरद ऋतु में फसल कटाई सुनिश्चित करने के लिए’ आपात कदम उठाएगा. 


'बारिश बढ़ाने की कोशिश की जाएगी'
तांग के मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि प्रशासन रसायनों की मदद से बादल तैयार करके ‘बारिश बढ़ाने की चेष्टा करेगा’ तथा वाष्पोत्सर्जन को कम करने के लिए खड़ी फसल पर ‘पानी सहेजने वाले एजेंट’ का छिड़काव करेगा. 


इन परिस्थितियों में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं, जो अक्टूबर या नवंबर में होने वाली बैठक से पहले मंद आर्थिक विकास में जान फूंकने के लिए प्रयासरत है. उस बैठक में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के अपने तीसरे कार्यकाल के लिए कवायद करने की संभावना है.


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