नई दिल्ली: China Scientific Research Station: चीन ने अंटार्कटिका में एक नए साइंटिफिक रिसर्च स्टेशन का उद्घाटन किया है. रॉस समुद्र के पास इनएक्सप्रेसिबल द्वीप पर स्थित यह क्विनलिंग स्टेशन चीन का पांचवां अंटार्कटिक बेस है. इस रिसर्च स्टेशन को इस तरीके से बनाया गया है कि हर मौसम में इसे उपयोग में लाया जा सकता है. 'द सन' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक यह स्टेशन 5,244sqm फैला हुआ है. इसमें साल भर 80 लोग रह सकते हैं. 


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इन देशों के लिए बन रहा खतरा 
रिपोर्ट के मुताबिक चीन का यह क्विनलिंग स्टेशन US मैकमुर्डो स्टेशन के पास और ऑस्ट्रेलिया के बिल्कुल दक्षिण में स्थित है. इसके जरिए चीन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से सिग्नल इंटेलिजेंस इकट्ठा कर सकता है. सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की ओर से किए गए दावे के मुताबिक यह न्यूजीलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के ज्वॉइंट स्पेस फैसिलिटी से लॉन्च होने वाले रॉकेटों पर टेलीमेट्री डाटा इकट्ठा करने में सक्षम हो सकता है. चीन अपने अंतरिक्ष अभियानों के लिए इस डाटा का उपयोग कर सकता है. 


जुटा सकता है खूफिया जानकारी 
CSIS में चीन के पावर प्रोजेक्ट के फेलो ब्रायन हार्ट का कहना है कि चीन अंटार्कटिका को रणनीतिक सीमाओं के हिस्से के रूप में देखता है. क्विनलिंग का इस्तेमाल यह खूफिया या सैन्य जानकारी जुटाने के लिए कर सकता है. इसके अलावा वह अंटार्कटिक में और भी ज्यादा रिसर्च स्टेशन का निर्माण कर सकता है.  


अमेरिका को देना चाहता है टक्कर 
ब्रायन हार्ट ने कहा कि चीन खुद को वैश्विक नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, जो किसी भी मामले में अमेरिका से पीछे न होकर पहले नंबर पर ही हो. इसी के चलते वह अंटार्कटिका में साइंटिफिक रिसर्च स्टेशन को स्थापित कर रहा है. वहीं इस स्टेशन के जरिए चीन के न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया पर नजर रखने के सवाल को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस स्टेशन को पूरी तरह अंतर्राष्ट्रीय नियमों और प्रक्रियाओं के पूरे अनुपालन के साथ बनाया और संचालित किया गया है.      


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