नई दिल्ली: पाकिस्तानी आतंकियों के समर्थन में फिर चीन खुलकर उतर आया है. यूएन में आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर की लिस्टिंग के भारतीय प्रस्ताव पर बीजिंग ने रोक लगा दी है. राजनयिकों ने इसकी जानकारी दी है. 


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जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर है रऊफ 
भारत ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था. अब्दुल रऊफ अजहर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के अपहरण में शामिल रहा है. जैश कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर का छोटा भाई है और भारत के सबसे वांछित आतंकियों में से एक है.  


भारत और अमेरिका का संयुक्त प्रस्ताव
भारत और अमेरिका का यह संयुक्त प्रस्ताव था. दोनों देशों ने 2 सप्ताह पहले उसका नाम इस सूची में जोड़ने का का प्रस्ताव रखा था. आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध लगाकर संपत्ति को फ्रीज करने का यह प्रस्ताव था. इस तरह के प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के सभी 15 सदस्यों की सहमति होनी चाहिए, लेकिन चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी को बचा लिया. भारत और अमेरिका के इस प्रस्ताव पर अन्य 14 सदस्य सहमत थे. 


चीन ने दूसरी बार दिया धोखा
इस साल बीजिंग ने यह दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकवादी की लिस्टिंग पर रोक लगाई है. इससे पहले उसने लश्कर-ए-तैयबा के अब्दुल रहमान मक्की की लिस्टिंग पर रोक लगा दी थी. इस पर संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत रुचिरा कांबोज ने कहा कि, "बिना किसी औचित्य के किसी अनुरोधों को ब्लॉक करने की प्रथा समाप्त होना चाहिए."

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