LAC पर भारत के तेवर के आगे झुका चीन: पूर्वी लद्दाख में टकराव कम करने पर सहमति
LAC पर भारत के अडिग रुख के आगे चीन झुक गया है. पूर्वी लद्दाख में टकराव कम करने पर बात बन गई है. माल्डो में कल की हुई भारत-चीन बातचीत में बनी सहमति..
नई दिल्ली: चीन को इस बात का अच्छे से अंदाजा है कि भारतीय शूरवीरों के पराक्रम के सामने सबकुछ ढेर हो जाएगा. ऐसे में बार-बार भारत के अडिग रुख के आगे चीन झुकने को मजबूर हो ही जाता है. एक बार फिर ऐसा ही हुआ.
भारत के अडिग रुख के आगे झुका चीन
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC पर भारत के अटल रुख के आगे चीन झुक गया है. चीन की सारी अकड़ ढीली पड़ गई और होश ठिकाने आ गए हैं. और पूर्वी लद्दाख में टकराव कम करने पर बात बन गई है. ये बिल्कुल सच है कि भारत के दृढ़निश्चय के आगे अच्छे-अच्छों को नानी याद आ जाती हैं. शायद यही वजह है कि चालबाज चीन को भी ये बात अब समझ आने लगी है.
LAC पर अडिग भारत के आगे झुका चीन
सूत्रों के मुताबिक 22 जून को भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत अच्छे माहौल में पूरी हुई थी. माल्डो में सोमवार यानी 22 जून को हुई भारत-चीन बातचीत में सहमति बन गई है.
सोमवार को भारत और चीन के बीच मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरी बैठक करीब 11 घंटे तक चली थी. बैठक में भारतीय अफसरों ने गलवान में हुई हिंसक झड़प पर नाराजगी जताते हुए उसे चीन की सुनियोजित साजिश और क्रूर हरकत बताया था.
आपको बता दें, भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत अभी भी जारी है. सोमवार को देर रात तक हुई मीटिंग में हिन्दुस्तान ने चालबाज चीन को खरी-खरी सुनाई थी. पैंगोंग झील पर 2 मई से पहले की स्थिति पर आने को कहा था.
अमेरिका ने चीन को सबक सिखाने के लिए की कार्रवाई
वहीं चीन के झूठे प्रचार तंत्र पर अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण वाले 4 मीडिया संस्थानों को राजनयिक मिशन का दर्जा दिया है. अमेरिकी ने चीन पर तनाव बढ़ाने का भी आरोप लगाया है.
भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटा है 'चमगादड़ चीन'
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि गलवान में हिन्दुस्तानी शूरवीरों की ताकत और पराक्रम का नजारा देखने के बाद चालबाज चीन खौफज़दा है. चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स बार-बार झूठ और प्रोपेगेंडा फैलाने का जरिया बनता जा रहा है. उसने फिर एक वीडियो साझा किया है. जिसमें चीन का एक सैनिक कहता नजर आ रहा है कि हमें हमारी सरहद जान से प्यारी है और हम एक इंच जमीन नहीं देंगे.
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गलवान में सेना के शौर्य वाले बदले के बाद पहली बार सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे लेह पहुंचे हैं. इस दौरे का मकसद सुरक्षा और बातचीत की जानकारी हासिल करना है. इसके साथ ही वो चीन से आगे की बातचीत पर भी फैसला लेंगे.
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