नैन्सी पेलोसी की यात्रा की कीमत चुकाएगा ताइवान! भयानक युद्धाभ्यास में चीन देने लगा संकेत
चीन धमकी दे चुका है कि वो नैन्सी पेलोसी की यात्रा के खिलाफ मिलिट्री एक्शन लेगा. ड्रैगन ने इसकी बानगी ताइवान के नजदीक युद्धाभ्यास शुरू कर दे दी है. इस बार का युद्धाभ्यास पहले से बिल्कुल अलग है. इसका कारण ये है कि चीन इस बार संप्रभु देश ताइवान के अधिकार वाले जल क्षेत्र में फायर ड्रिल कर रहा है. माना जा रहा है कि इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है.
बीजिंग. वरिष्ठ अमेरिकी राजनेता नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर चीन अपनी नाराजगी जगजाहिर कर चुका है. चीन धमकी दे चुका है कि वो इसके खिलाफ मिलिट्री एक्शन लेगा. ड्रैगन ने इसकी बानगी ताइवान के नजदीक युद्धाभ्यास शुरू कर दे दी है. इस बार का युद्धाभ्यास पहले से बिल्कुल अलग है. इसका कारण ये है कि चीन इस बार संप्रभु देश ताइवान के अधिकार वाले जल क्षेत्र में फायर ड्रिल कर रहा है. माना जा रहा है कि इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है.
चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने ट्विटर पर एक मैप शेयर किया है जिसमें उन 6 क्षेत्रों का जिक्र है जो ताइवान को चारों तरफ से घेरते हैं. इन सभी इलाकों में लाइव फायर एक्सरसाइज की जाएगी. माना जा रहा है कि चीन इतनी आक्रामक ड्रिल अमेरिका का जवाब देने के लिए कर रहा है.
दरअसल अमेरिकी नेता नैन्सी पेलोसी ने उस 'लक्ष्मण रेखा' को लांघ दिया है जो चीन ने खिंची थी. चीन की लाख धमकियों के बावजूद नैन्सी नहीं मानीं और मंगलवार को ताइवान की राजधानी पहुंचीं. इतना ही नहीं नैन्सी ने वहां से स्टेटमेंट जारी कर संदेश दे दिया कि ताइवान को अमेरिका का समर्थन जारी रहेगा.
अब चीन की आक्रामक ड्रिल को गंभीरता से लिए जाने के पीछे कई मजबूत कारण भी हैं. अगर यूक्रेन युद्ध से सीख ली जाए तो उस वक्त भी युद्ध से पहले रूस ने कई युद्धाभ्यास किए थे. फिर एकाएक यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया था. यहां तक कि साल 2020 में रूस ने बेलारूस के साथ युद्भाभ्यास किया था और लिथुआनिया में हमले की मॉक ड्रिल की थी.
अगर अभी चीन के युद्भाभ्यास को देखा जाए तो यह सीधे तौर पर हमला तो नहीं है लेकिन यह पूरी तरह से उकसावे का प्रयास है. यही कारण है कि ताइवान सरकार और मिलिट्री ने इसकी निंदा की है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन पर अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है. साथ ही यह भी कहा है कि चीन इस वक्त ताइवान की संप्रभुता के साथ खेल रहा है. इस बीच चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान का हवाई और समुद्री रास्ता रोक रखा है.
यही कारण है कि ताइवान सरकार अब जापान और फिलिपिन्स के साथ मिलकर वैकल्पिक रूट तलाश रही है. पीएलए की तरफ से साफ किया जा चुका है कि यह फायर ड्रिल आगामी रविवार तक चलती रहेगी.
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