नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच जिस तरह से 15 जून को हिंसक झड़प हुई उसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.  लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर चीन के हमले और उंचे पहाड़ों पर किए गए सैन्य अभ्यास ने उसके दोगले चरित्र को उजागर कर दिया है. 
चीन के नाटक का राज खुला
चीन एक तरफ बातचीत का नाटक कर रहा है तो दूसरी तरफ उसकी सेना ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र में आधुनिक हथियारों से अभ्यास में जुटी है.  चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने हाल ही में ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्र में सैन्य अभ्यास किया था.
भारत-चीन के बीच तनाव के माहौल में चीन ने अपनी लाइव-फायर ड्रिल को शुरू कर दिया है. ये ड्रिल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने तिब्बत के सैन्य क्षेत्र में तकरीबन 4700 मीटर उंचे एक पठार पर करीब 7000 सैनिकों के साथ की है.  इस सैन्य अभ्यास में आधुनिक हथियार विमान, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, इंजीनियरिंग, ड्रोन और विशेष बल शामिल थे. 
शांति की बात के बीच ताकत क्यों आजमा रहा है चीन?
चीनी सरकार के मुखपत्र  ग्लोबल टाइम्स में बताया गया है कि चीन की स्पेशल फोर्स ने ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्र में एडवांस टैंक, लंबी दूरी की तोप, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया था.  इस अभ्यास में टाइप 15 हल्के वजन वाले टैंक भी शामिल हुए थे.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के साथ बॉर्डर पर हिंसक झड़प के बाद अगले ही दिन 16 जून को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 4700 मीटर की ऊंचाई वाले नियांकिंग तेंगुला क्षेत्र में सैन्य अभ्यास की जानकारी चीन सरकार को दी थी. 
ग्लोबल टाइम्स ने इस अभ्यास में शामिल बिग्रेड कमांडर जांग जियालिन के हवाले से लिखा है कि सैनिकों ने एक चुनौतीपूर्ण वातावरण में ये प्रैक्टिस की है, जो उन्हें किसी भी तरह के मिशन को अंजाम देने में काम आएगी.
चीन का असली चेहरा दिखा
चीन की सेना का ये अभ्यास ऐसे वक्त में चल रहा है जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद चरम पर है और दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने डटी हैं. गलवान घाटी में बातचीत का नाटक कर रहा चीन ने सैन्य अभ्यास कर अपना असली चेहरा दिखा दिया है. 


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