नई दिल्ली.    सारी दुनिया जानती है कि कोरोना कंट्री चीन की उपज है कोरोना महामारी. अमेरिका ने लगातार इस बात को उठाया है और दुनिया को बताया है कि कोरोना की महामारी अपनेआप नहीं फैली एक साजिश के तहत फैलाई गई है. अब फिर अमेरिका ने कहा है कि चीन ने WHO के मुखिया को रिश्वत दे कर खरीद लिया था, इसलिए कोरोना रोका नहीं जा सका. 


आया बयान विदेश मंत्री का 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोरोना महामारी को लेकर यह चीन पर अमेरिका का ताज़ा हमला है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक मोम्पियो के ताज़ा बयान में कहा गया है कि चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख खरीद लिया था. इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ने इस बयान को नकारते हुए कहा है कि यह वैश्विक संस्था ऐसे आरोपों के आक्रमण को अस्वीकार करती है और दुनिया के देशों से इसकी अपील है कि वे कोरोना महामारी के विरुद्ध अपने प्रयासों से ध्यान न हटाएँ. 


सांसदों की मीटिंग में दिया बयान 


ब्रिटिश मीडिया ने जानकारी दी है कि लंदन में सांसदों के साथ एक निजी मीटिंग के दौरान माइक पोम्पियो ने ये बयान दिया और WHO पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की असफलता के कारण ही ब्रिटेन में कोरोना मौतों का आंकड़ा बढ़ा है. 


''ये दोनों के बीच डील थी''


सीधे-सीधे इस नेक्सस को एक डील करार देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया टेड्रोस एडहैनम गेब्रियेसस ने चीन के साथ डील की थी कि यदि वह टेड्रोस को चुनाव जीतने में मदद करेगा तो वह चीन के नाजायज़ कामों में उसका साथ देगा. इस डील के कारण दुनिया भर में निर्दोष लोग मारे गए हैं. पोमियो ने कहा कि WHO एक विज्ञान पर आधारित एक स्वास्थ्य संस्था न हो कर एक बेईमान राजनीतिक संस्था बन गई थी. 


ये भी पढ़ें. भारत के समर्थन में चीन के खिलाफ अमेरिका में पास हुआ बिल