नई दिल्ली. डेढ़ करोड़ लोग कोरोना वायरस की भेंट चढ़ जाएंगे, ये सुन कर ही इसका आतंक दुनिया के नागरिकों के लिए असहनीय हो जाता है. इतना ही नहीं इसी तरह का जो दूसरा अहम तथ्य कोरोना को लेकर सामने आया है वह कहता है कि लोगों की जान लेने के साथ साथ दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में भी  भूकंप ला देगा. 


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एक नए शोध में हुआ दावा 


दुनिया भर में कोरोना को लेकर शोध चल रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया से आये शोध के एक परिणाम के अनुसार कोरोना वायरस की सबसे कम खतरनाक स्थिति में भी दुनियाभर में डेढ़ करोड़ लोगों की जान जा सकती है. इस शोध में ये भी कहा गया कि कम से कम डेढ़ करोड़ मौतों के आंकड़ों वाले इस कोरोना वायरस की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था भी बर्बाद हो सकती है.


ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी का शोध है यह 


ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के इस शोध पत्र में यह भी बताया गया कि कोरोना महामारी के कारण दुनिया की जीडीपी 2.3 ट्रिलियन डॉलर से भी नीचे जा सकती है. जो सबसे बड़ी डरावनी बात इस शोध से सामने आई वो ये थी कि कोरोना वायरस की सबसे विनाशकारी स्थिति में ब्रिटेन और अमेरिका में हजारों लोगों की मौत हो सकती है और दुनिया में कोरोना मौतों का आंकड़ा 6 करोड़ 80 लाख भी जा सकता है. 



 


देशों की अर्थव्यवस्था 8% तक गिर सकती है 


कोरोना के दुनिया पर पड़ने वाले असर को लेकर दो शोध पत्र तैयार किये गए हैं. इसके शोधार्थी  वारविक मैककिबोन और रोशेन फर्नांडो  के अनुसार सबसे खराब स्थिति में वैश्विक मंदी के दौरान कुछ देशों की अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत तक नीचे जा सकती है. इसमें चीन में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की मृत्यु दर का अनुमान 2 फीसदी किया गया है जो कि सारी दुनिया में लगभग  3.4 फीसदी तक जा सकता है. 


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