दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस धीरे धीरे पैर पसार रहा है. WHO ने वैश्विक महामारी और आपातकाल की घोषणा भी कर दी है. मीडिया को मिल रही खबरों के मुताबिक लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. चीन सरकार का कहना है कि अब तक 600 से अधिक लोगों की मौत हुई है लेकिन दुनिया मान रही है कि चीन झूठ बोल रहा है और अपने नागरिकों को बचाने में नाकाम रहने के कारण चीन सच छिपा रहा है.


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अमेरिका ने शुरू की चीन की मदद


कोरोना वायरस के प्रकोप में चल रहे चीन से अपने लोगों को बचाने के लिए दो और विमानों को अमेरिका ने चीन के वुहान भेजा है. अमेरिका लगातार वुहान से अपने लोगों को निकालने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वे चीन के साथ मिलकर इस महामारी से लड़ना चाहते हैं और अमेरिका चीन को हर संभव मदद करेगा.



WHO ने जेनेवा में बुलाई बैठक


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि वायरस की रोकथाम के लिए जेनेवा में 11 और 12 फरवरी को सैकड़ों विशेषज्ञ जमा होंगे. इस दो दिनी सम्मेलन के दौरान दवाओं और वैक्सीन के विकास में तेजी लाने पर चर्चा होगी. डब्ल्यूएचओ की अगुआई में कई देशों के विशेषज्ञों का एक दल चीन का भी दौरा करेगा.


सच छिपाने की कोशिश में चीन


चीन की कम्युनिस्ट सरकार दावा कर रही है कि कोरोना वायरस से अब तक महज 563 ही मौतें हुई हैं. जो कि टेनसेंट के आंकड़ों से लगभग 80 फीसदी कम है. चीन सरकार ने गुरुवार को बयान जारी करके कहा कि कोरोना से मरने वालों की संख्‍या 563 है, जबकि 28 हजार लोग प्रभावित हैं. लेकिन जमीनी हालात इससे बहुत ज्यादा बुरे बताए जा रहे हैं. खबर है कि चीन के अधिकारियों ने डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि वह कोरोना से मारे गए लोगों के डेथ सर्टिफिकेट में बीमारी की वजह कुछ और लिखें. जिससे आंकड़ों को दबाया जा सके.  


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