नई दिल्ली: पाकिस्तान की एक अदालत ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत देते हुए एक महिला न्यायाधीश के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में पुलिस को उनके खिलाफ लगे आतंकवाद के आरोपों को हटाने का आदेश दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

देशद्रोह के आरोप में हुए गिरफ्तार
बीते 20 अगस्त को यहां एक रैली के दौरान 69 वर्षीय खान ने अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ हुए व्यवहार को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, निर्वाचन आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की धमकी दी थी. गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.


इमरान खान ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी की भी आलोचना की थी, जिन्होंने पुलिस के अनुरोध पर गिल की दो दिन की हिरासत को मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा था कि न्यायाधीश चौधरी को 'तैयार रहना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'


इस मामले में दर्ज हुई थी एफआईआर
भाषण के कुछ घंटों बाद पुलिस, न्यायपालिका और अन्य संस्थानों को धमकी देने के आरोप में खान के खिलाफ आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने इस मामले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जहां मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की.


फैसले की घोषणा करते हुए पीठ ने खान के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून की धारा-7 के तहत लगे आरोपों को हटाने का आदेश दिया और कहा कि अन्य आरोपों में मामले में संबंधित फोरम में सुनवाई जारी रहेगी. आतंकवाद के आरोप हटाने के आदेश के बाद मामला कमजोर हो गया है.


हालांकि, इमरान खान के लिए यह पूर्ण राहत की बात नहीं है क्योंकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय महिला न्यायाधीश के खिलाफ टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ अदालत की अवमानना के आरोप को भी देख रहा है.


इसे भी पढ़ें- भारत ने रचा इतिहास, केरल में ऐसे हुआ एशिया का पहला Arm Transplant


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.