`इमरान खान को दी जाए फांसी की सजा`, पाकिस्तान की संसद में उठी ये मांग
पाकिस्तान में शरीफ सरकार और इमरान खान के बीच विवाद इतना बढ़ गया है कि सोमवार को पाकिस्तानी संसद में इमरान खान को फांसी देने की मांग उठने लगी. आपको इस रिपोर्ट में पूरा माजरा समझाते हैं.
नई दिल्ली: पाकिस्तान में सियासी दंगल इस कदर बढ़ गया है कि शहबाज शरीफ की सरकार और इमरान खान की पीटीआई एक दूसरे की जानी दुश्मन बन गई है. सोमवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के दल ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर न्यायपालिका के खिलाफ प्रदर्शन किया. इमरान खान की रिहाई को लेकर मुल्क के चीफ जस्टिस और पाकिस्तान सरकार के बीच तल्खी बढ़ गई है. शरीफ सरकार ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का फैसला किया है.
इमरान खान को फांसी देने की मांग उठी
पाकिस्तान की संसद में इमरान खान को रिहा करने वाले चीफ जस्टिस के खिलाफ ही नहीं, बल्कि इमरान के खिलाफ भी एक्शन की तैयारी की जा रही है. पाक संसद में इमरान खान को फांसी दिए जाने की मांग भी उठी. नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने कहा, इमरान खान को सरेआम फांसी दी जानी चाहिए, लेकिन अदालतें उनका ऐसे स्वागत कर रही हैं जैसे कि वह उनके दामाद हों.
इमरान खान की पार्टी दर्ज कराएगी ये मामला
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से ‘अगवा’ किये जाने को लेकर देश की शीर्ष भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी के खिलाफ मामला दायर करने का फैसला किया है.
इमरान खान को अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों ने भ्रष्टाचार के आरोप में नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से गिरफ्तार किया था और उन्हें एक कैदी वाहन में डाल दिया था. इस घटनाक्रम के मद्देनजर देशभर में उनकी पार्टी के समर्थकों ने व्यापक प्रदर्शन किया था.
प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर चलाई गोलियां
पार्टी ने उन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला भी दायर करने का ऐलान किया है, जिन्होंने खान (70) की गिरफ्तारी के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाई थीं. पाकिस्तान रेंजर्स (अर्द्धसैनिक बल) द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में अशांति शुक्रवार तक जारी रही और इसमें कई लोगों की जान चली गई. प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया.
देश के इतिहास में पहली बार प्रदर्शनकारी रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय में घुस गये और लाहौर में ऐतिहासिक कोर कमांडर हाउस को आग लगा दी. पुलिस ने हिंसक झड़पों में 10 लोगों की मौत होने की बात कही है, जबकि इमरान की पार्टी ने सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में 40 लोगों के जान गंवाने का दावा किया है.
एनएबी और पाकिस्तान रेंजर्स के खिलाफ मामला दर्ज
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, पार्टी गृह मंत्री, पंजाब एवं खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों के कार्यवाहक मुख्यमंत्रियों, दोनों प्रांतों के पुलिस महानिरीक्षकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी प्राथमिकी में नामजद करेगी. पार्टी ने नौ मई को हुई तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सदस्यता वाले एक उच्च स्तरीय आयोग से स्वतंत्र जांच कराने की भी मांग की है.
इमरान खान की अध्यक्षता में रविवार को हुई पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में, मौजूदा राजनीतिक स्थिति, मौजूदा सरकार द्वारा संविधान का कथित खुला उल्लंघन, मूल अधिकारों का निलंबन और पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं तथा आम नागरिकों की अवैध गिरफ्तारी पर चर्चा की गई. बैठक में, उच्च न्यायालय से पूर्व प्रधानमंत्री को अगवा किये जाने की कड़ी निंदा की गई और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) और पाकिस्तान रेंजर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का फैसला लिया गया.
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र सर्वकालिक निचले स्तर पर है और न्यायपालिका देश के लिए उम्मीद की एकमात्र किरण है. उन्होंने कहा, 'मेरी जान लेने की दो बार कोशिशें की गईं ; मेरे घर पर 24 घंटे तक छापा मारा गया और मुझे हिरासत में लिया गया.'
(इनपुट- भाषा)
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