पहली बार : हमारे दांत का एक तत्व, ब्रह्मांड में 12 अरब प्रकाश वर्ष दूर मिला
हमारे सौर मंडल में, पृथ्वी पर और यहां तक कि हमारे अपने शरीर में पाए जाने वाले तत्वों की उत्पत्ति तारों के कोर के अंदर हुई है.
वाशिंगटन : हम इंसान आसमान और सितारों में पाई जानी वाली चीजों से बने हैं. खगोलशास्त्री कार्ल सागन ने एक बार यह बात कही थी. अब यह सच साबित हो रहा है.
पहली बार, खगोलविदों ने हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक तत्व आकाशगंगा में एक स्थान पर खोजा है. वह जगह धरती से 12 अरब प्रकाश वर्ष से अधिक दूर है.
फ्लोरीन है वह तत्व
यह तत्व, फ्लोरीन है जो हमारी हड्डियों और दांतों में फ्लोराइड के रूप में पाया जा सकता है. यूनाइटेड किंगडम में हर्टफोर्डशायर विश्वविद्यालय में एक खगोल भौतिकी शोधार्थी मैक्सिमिलियन फ्रैंको ने एक बयान में कहा, "हम सभी फ्लोरीन के बारे में जानते हैं क्योंकि हम हर दिन उपयोग किए जाने वाले टूथपेस्ट में फ्लोराइड के रूप में होते हैं."
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तारों के कोर के अंदर हुई तत्वों की उत्पत्ति
उन्होंने कहा "हमें यह भी नहीं पता था कि ब्रह्मांड में किस प्रकार के सितारों ने अधिकांश फ्लोरीन का उत्पादन किया है. हमारे सौर मंडल में, पृथ्वी पर और यहां तक कि हमारे अपने शरीर में पाए जाने वाले तत्वों की उत्पत्ति तारों के कोर के अंदर हुई. लेकिन इन तारों के भीतर फ्लोरीन कैसे बना इसका रहस्य बना हुआ है.
आकाशगंगा में फ्लोरीन का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने चिली में कई टेलीस्कोप की मदद ली. ये टेलीस्कोप अटाकामा लार्ज मिलिमीटर/सबमिलीमीटर की श्रेणी वाले हैं.
फ्लोरीन हाइड्रोजन फ्लोराइड के रूप में मौजूद
वैज्ञानिकों के मुताबिक NGP-190387 आकाशगंगा के गैस बादलों में फ्लोरीन हाइड्रोजन फ्लोराइड के रूप में मौजूद था. इस आकाशगंगा के प्रकाश ने हम तक पहुंचने के लिए 12 अरब वर्षों से अधिक की यात्रा की है, इसलिए खगोलविद आकाशगंगा को उसी रूप में देखते हैं. तब ब्रह्मांड केवल 1.4 अरब वर्ष पुराना था.
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