जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन के शीर्ष अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले एक महीने में यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि देखी गई है. टीके की पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद यह इलाका महामारी का केंद्र बिंदु बन रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डब्लूएचओ के मुताबिक अगर यह स्थिति जारी रहती है तो यूरोप में फरवरी तक पांच लाख और लोगों की महामारी के कारण मौत हो सकती है.


संगठन के यूरोप कार्यालय ने कहा कि क्षेत्र में साप्ताहिक मामले करीब 18 लाख आए हैं जो पिछले हफ्ते की तुलना में छह प्रतिशत अधिक हैं जबकि साप्ताहिक तौर पर 24,000 मौतें हुई, जिसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.


वैक्सीनेशन में यह है समस्या
डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन प्रमुख डॉ माइकल रेयान ने बृहस्पतिवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा, यहां बहुत सारे टीके उपलब्ध हो सकते हैं, लेकिन टीके का वितरण समान नहीं रहा है.


उन्होंने यूरोपीय प्राधिकारियों से टीकाकरण के अंतर को कम करने का आह्वान किया. हालांकि, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि जिन देशों ने अपनी आबादी का 40 फीसदी टीकाकरण कर दिया है, उन्हें अब रुकना चाहिए और ऐसे विकासशील देशों को टीका दान करना चाहिए ,जो अपने नागरिकों को टीके की पहली खुराक अब तक नहीं दे सके हैं.


इन देशों में नई लहर का खतरा
इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख डॉ हैन्स क्लूज ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूरोप और मध्य एशिया के 53 देशों के क्षेत्र में कोरोना वायरस की एक और लहर आने का खतरा है या वे पहले से ही महामारी की नई लहर का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मामलों की संख्या फिर से करीब रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ने लगी है और क्षेत्र में संक्रमण के प्रसार की रफ्तार ‘गंभीर चिंता’ का विषय है.


उन्होंने कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने वाले उपायों और कुछ क्षेत्रों में टीकाकरण की कम दर बताती है कि मामले क्यों बढ़ रहे हैं. डॉ क्लेज ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में 53 देशों के क्षेत्र में कोविड के कारण लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर दोगुनी से ज्यादा बढ़ी है.


एक साल पहले वाली स्थिति में पहुंचे
उन्होंने डेनमार्क के कोपनहेगन में संगठन के यूरोप मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, “हम महामारी के फिर से सिर उठाने को लेकर एक अहम मोड़ पर खड़े हैं.” उन्होंने कहा, “ यूरोप फिर से महामारी के केंद्र में हैं जहां हम एक साल पहले थे.” डॉ क्लेज ने कहा कि इसमें फर्क यह है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी है और उनके पास इससे मुकाबला करने के लिए बेहतर उपकरण हैं.


ये भी पढ़ें-  प्रतिबंध को दरकिनार कर दिल्ली में खूब जले पटाखे, जानें कितनी प्रदूषित हुई हवा

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.