नई दिल्ली: आज चीनी वायरस ने दुनिया में तहलका मचा रखा है. आज से छह सौ साल पहले भी दुनिया ने यही मंज़र देखा जब आधी दुनिया में चीन के चूहों ने ऐसी ही महामारी मचाई थी जिसमें करोड़ों लोगों की जानें गईं थीं. अब डर यही है कि कहीं कोरोना मौतें पिछली बार की इंसानी मौतों का कीर्तिमान तोड़ न दें..


प्लेग फैला था दुनिया में


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आज से छह सौ साल पहले चौदहवीं सदी में इसी तरह दुनिया में एक महामारी आई थी जिसे इतिहास में प्लेग के नाम से दर्ज किया गया है. यह तबाही कई देशों में महामारी बन के फैल गई थी. प्लेग नाम की ये  महामारी आज की कोरोना महामारी से भी बहुत भीषण थी जिसने करोड़ों लोगों की जान ले ली थी.


फिर लौट कर आया प्लेग


चीन में ज़रूर कोई समस्या है. चौदहवीं सदी के बाद चार सौ साल बीतते ही फिर एक और महामारी के दौर ने चीन को अपनी गिरफ्त में ले लिया. इस बार भी प्लेग ने अमेरिका में लाशों का अम्बार लगा दिया था. 1860 में आये इस प्लेग के भीषण संक्रमण से अकेले चीन में करीब 25 लाख लोगों की मौत हो गई थी.


1860 में चीन का प्लेग भारत आया था


उन्नीसवीं सदी की इस चीनी महामारी ने अपने आप को सिर्फ चीन में सीमित नहीं रखा. यह चीनी प्लेग चीन की सरहदें लांघ कर भारत आ गया और भारत में इस महामारी ने भयंकर तबाही मचाई थी. आंकड़े बताते हैं कि आज से एक सौ चालीस साल पहले के उस दौर में भारत में प्लेग से करीब एक करोड़ से ज़्यादा लोग मारे गए थे.


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