75 साल बाद दुनिया के पर्यावरण ने ली राहत की गहरी सांस

बुरे दौर में अच्छी खबर एक ये भी है जो सबसे अच्छी खबर मानी जा सकती है की कोरोना के असर के कारण द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब पहली बार सबसे साफ हुई है धरती की हवा

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 3, 2020, 11:40 PM IST
    1. वैज्ञानिकों ने जताई ख़ुशी
    2. कार्बन उत्सृजन में 5% गिरावट
    3. द्वितीय विश्व युद्ध में हुआ था ऐसा
75 साल बाद दुनिया के पर्यावरण ने ली राहत की गहरी सांस

नई दिल्ली: एक तरफ तो कोरोना वायरस के संक्रमण ने लाखों लोगों के फेफड़े जाम कर दिए हैं और उनके लिए सांस लेनी मुश्किल हो रही है. लेकिन ये है ज़मीन की बात, इस ज़मीन से ऊपर के आसमान से अगर पूछें तो दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अब पहली बार हमारा आसमान ज्यादा साफ हवा में सांस ले पा रहा है. हमारे आसमान को इतनी साफ हवा करीब 75 साल बाद देखने को मिल रही है. इससे पहले लगभग साढ़े सात दशक पूर्व द्वितीय विश्व युद्ध के समय इतनी साफ हवा हुई थी.

वैज्ञानिकों ने जताई ख़ुशी

वैज्ञानिकों ने पर्यावरण की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी  की आवाज़ मिला है. वैज्ञानिकों ने विशवास जताया है  कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब  प्रथम अवसर है जब हमारी धरती पर कार्बन उत्सर्जन सबसे कम होने वाला है. दूसरे शब्दों में कहें तो कोरोना ने आसमान में भी लॉकडाउन लगा रखा है. इस लॉकडाउन के कारण सारी दुनिया में कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है.

कार्बन उत्सृजन में 5% गिरावट

ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के प्रमुख रॉब जैक्सन ने उम्मीद जताई है कि इस वर्ष भूमि से आकाश पर होने वाले कार्बन उत्सर्जन में अभूतपूर्व कमी आने वाली यही. जैक्शन के अनुसार 2020 का साल कार्बन  उत्सर्जन में 5 फीसदी की कमी का साक्षी बनेगा. बारह साल पहले भी सं 2008 में आर्थिक मंदी के समय कार्बन उत्सर्जन गिर कर 1.4 फीसदी हो गया था.

द्वितीय विश्व युद्ध में हुआ था ऐसा

कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉब जैक्सन ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से धरती के साथ आसमान को भी बहुत फायदा हो रहा है.  इससे पहले जब ऐसा हुआ था तो वह द्वितीय विश्व युद्ध का दौर था और तब कई देशों में लॉकडाउन जैसी ही स्थिति थी.  बाजार, यातायात, उद्योग-धंधे बंद पड़े थे.  इसलिए हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद कम हो गया था. अब पिचहत्तर साल बाद फिर वैसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. 

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